5.25 करोड़ रूपये वाली प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क चढी भ्रष्टाचार की भेंट
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मई 2021 में हुआ था बजरंग नगर से तरांव के मौधा गाजीपुर की सीमा तक पौने 8 किमी लम्बी सड़क का निर्माणएक वर्ष में पूरा होना था निर्माण कार्य मगर 3 वर्ष बाद भी नहीं हो सका पूरा, मानक की भी ऐसी-तैसी
डोभी, जौनपुर। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत स्वीकत क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण मार्ग सरकारी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। एक वर्ष में निर्माण होना था किंतु 3 वर्ष बीत जाने के बाद भी सड़क आधी-अधूरी पड़ी है। वह भी मानक के हिसाब से निर्माण न होने से गिट्टियां उधड़ने लगी हैं। जी हां, बात हो रही है वाराणसी-आजमगढ़ राजमार्ग पर स्थित बजरंग नगर से पूरब अमुवार, जरासी, लोहराखोर, तरांव होते हुए मौधा गाजीपुर की सीमा तक की सड़क की। क्षेत्र के दर्जनों गांवों के लोगों के आवागमन के नजरिये से पौने 8 किलोमीटर लंबी यह सड़क बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह मार्ग महत्वपूर्ण इसलिए है कि मेहनाजपुर आजमगढ़ मऊ जिले को जोड़ता है।
बता दें कि मई 2021 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सवा 5 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण स्वीकृत हुआ था। कार्यदायी संस्था एके कंस्ट्रक्शंस, वाराणसी को ठीका मिल गया और एके कंस्ट्रक्शंस ने क्षेत्र के ठेकेदार अभिमन्यु सिंह को सड़क का कार्य करवाने के लिए दे दिया। वहीं जिले के ग्रामीण अभियंत्रण सेवा (आरईएस) की देख—रेख में मई 2022 में निर्माण पूर्ण करना था। आरोप है कि आरईएस ने कमीशन का अपना हिस्सा कार्यदायी संस्था से पहले ही ले लिया। इसके बाद निगरानी करने की बजाय आरईएस के जिम्मेदार अभियंता चादर ओढ़कर सो गये। नतीजतन 3 वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य अधर में लटका है। अब तक जितनी सड़क का निर्माण हुआ भी है तो कमीशनखोरी के चलते मानक की धज्जियां उड़ाई गई हैं। जगह—जगह दुर्घटना को दावत देने वाले गडढे हो गये हैं। इसके कारण सड़क निर्माण पूरा होने से पहले ही जहां तक पिच हुई भी है तो गिट्टियां उधड़ने लगी हैं। आरईएस के अभियंता तभी सड़क देखने आते हैं जब उन्हें मोबाइल से सेल्फी लेकर उच्चाधिकारियों को भेजने की औपचारिकता पूरी करनी होती है।