पीसीएस अधिकारी की अनोखी पहल पक्षी दाना पानी संरक्षण

जौनपुर। जीव कल्याण की आकांक्षा के साथ ज्ञानस्थली फाउंडेशन, लखनऊ  के द्वारा पर्यावरण संरक्षण एवम पक्षियों  हेतु दाना पानी प्रबंधन हेतु एक महत्वाकांक्षी परियोजना पक्षी दाना पानी का संचालन एक वृहद स्तर पर किया जा रहा है उसी के परिपेक्ष में आज लोहिया पार्क जौनपुर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया l

जिसमें संस्था की मुख्य ट्रस्टी श्रीमती अलका प्रकाश द्वारा संस्था द्वारा खोले गए  रोजगार केंद्र के युवकों द्वारा निर्मित पक्षी दाना पानी पात्र को दाना एवं पानी से भरकर पेड़ों की शाखाओं पर तथा नारियल पानी पीने के बाद  बचे वेस्ट खोल से कटोरी बनाकर उसमें पानी एवं दाने का संग्रहण कर लटकाया गया। 


उक्त कार्यक्रम के विषय में बताते हुए डॉ ज्ञान प्रकाश द्वारा बताया गया कि पहले हम लोग अपने आस पास के क्षेत्र तक ही सीमित थे परंतु जब करोना का समय था तब हम जन सेवा कर रहे थे उसी समय हमारे पास एक लेब्राडोर आया था जिसका नाम हमने सिम्बा रखा । जन कल्याण का कार्य करते हुए हमारे दिमाग में सिम्बा के साथ खेलते हुए पशु पक्षियों के भोजन की और हमारा ध्यान गया कि मानव हेतु हम कार्य कर रहे हैं शहरी क्षेत्र हेतु दुकान मंडी आदि बंद होने से उनके लिए कुछ नहीं कर पा रहे है तब विचार आया कि हमे बचे हुए भोजन और अनाज को इकठ्ठा कर उन्हे देने के लिए कार्य करना चाहिए और तभी से यह विचार एक मिशन में तब्दील हो गया और उस समय शुरू किया गया सिम्बा फूड बैंक एक छोटा सा प्रयास बृहद रूप ले चुका है जिसमें एक नई कड़ी के रुप में पक्षी दाना पानी के नाम से जल एवम दाने को एक कनस्तर से बनवा कर शहर के विभिन्न स्थानों पर लटकाया जाता है । हमारे इस पुनीत कार्य में समाज के विभिन्न क्षेत्रों से लोगों द्वारा बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया जाता है।



 कार्यक्रम में उपस्थित मछली शहर के उपजिलाधिकारी द्वारा ज्ञानस्थली फाउंडेशन के बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम के विषय में सराहना करते हुए कहा गया कि यह एक अत्यंत पुनीत का कार्य है और हम सबको इससे प्रेरणा लेते हुए इसकी व्यापक रूप से प्रचार करते हुए सभी से आग्रह करना चाहिए कि अपना नैतिक जिम्मेदारी मानते हुए जल जीव संरक्षण एवं कल्याण हेतु अपना योगदान दें। केराकत तहसील के युवा एवम तेज तर्रार उप जिला मजिस्ट्रेट सुनील कुमार द्वारा कहा गया  उक्त कार्य के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है । 

हमारे जीवन में संगीत का प्रथम स्वर इन्ही पक्षी के कारण होता है और इनकी पहली चहचहाहट ही हमे जीवन का बोध कराती है अगर जीवन की लय संगीत का आनंद लेना है तब इनका होना बहुत जरूरी है इसके लिए हमे इनके जीवन रक्षण हेतु प्रयास करना चाहिए और संस्था का यह प्रयास काबिले तारीफ है। जन कल्याण के अपने कार्यक्रम के विषय में अलका प्रकाश द्वारा बताया गया कि बचपन से ही उन्हें पशु पक्षियों से प्रेम है। मेरे पास सात dog हैं जिनसे कुछ पप्पी है एक बिल्ली है जो एक साथ रहते है । इनसे हमे एक सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और इन बेजुबान का प्यार विना किसी स्वार्थ के होता है। कॉविड के समय के हमारे अनुभव एवम मेरे पति के साथ विभिन्न अनुभवों ने हमे एक दिशा दी और इस प्रकार उनके लिए हमारा यह एक छोटा सा प्रयास अपने लक्ष्य की ओर निरंतर गतिमान है। ग्लोबल इंडिया बिजनेस फोरम के द्वारा हमारे जन कल्याण के कार्य के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा गया और राष्ट्रीय मीडिया द्वारा अपने कवरेज रूपी स्नेह से सींचा गया । आज के कारक्रम में युवा व्यवसाई एवम नेता मोहित सिंह, भारत विकास परिषद के सतेंद्र अग्रहरी, खंड विकास अधिकारी बरसठी , अभिषेक मिश्र , लेखपाल विक्रांत , गुनगुन ,दिशा आदि ने प्रतिभाग किया साथ ही  ज्ञानस्थली फाउंडेशन की ट्रस्टी सुषमा देवी ने धन्यवाद दिया l

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