गोमती नदी का अस्तित्व खतरें, बूंद बूंद पानी को खुद तरस रही है आदि गंगा
जौनपुर। जीवन दायिनी आदि गंगा गोमती का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। भीषण गर्मी के चलते मां गोमती की कोख इस तरह सूनी हो गयी है खुद बूंद बूंद पानी के लिए तरस रही है। नदी का यह भयावह दृश्य देखकर हर कोई हैरान परेशान है। लोगो का कहना है कि यदि जल्द ही बारिश नही हुई तो दरिया में रेत उड़ती नजर आयेगी।
Vo-1 जौनपुर शहर के बीच से बहने वाली गोमती नदी शहर वासियों समेत इसके तटीय इलाके में बसने वालों लोगों की लाइफ लाइन है। लेकिन भीषण गर्मी के चलते यह नदी सूख गयी है। हालात काफी नाजुक दिख रहा है। नदी का 50 से 60 फीसदी क्षेत्र बेपानी हो गया है। कही कही पानी दिखाई पड़ रहा है। नगर के निवासी व रिटायर्ड जज अजय श्रीवास्तव बताते है आज तक हमने नदी का इतनी खराब हालत कभी नही देखा है। इस नदी से नगरवासियों की दिनचर्या शुरू होती थी 12 महीने पानी लबालब भरा रहता था, बारिश के दिनों में पानी शाही पुल के ऊपर से बहता था, कुछ वर्षों से बारिश कम होने तथा नदी की सिल्ट की सफाई न होने के कारण आज इसके अस्तित्व पर खतरे के बादल मंडरा रहा है ।
Bite- अजय श्रीवास्तव स्थानीय नागरिक / रिटायर्ड जज
Vo-2 गोमती नदी के किनारे पूजा पाठ कराने वाले ब्राह्मण गणेश पांडेय ने भी नदी की इस हालत से काफी आहत है उन्होंने बताया कि पानी न होने के कारण स्नान ध्यान, पूजा पाठ व कर्मकाण्ड करने वालों को भारी परेशानी हो रही है।
Bite -2 गणेश पांडेय पुजारी
Vo-3 स्वच्छ गोमती अभियान के अध्यक्ष गौतम गुप्ता गोमती इसका जिम्मेदार नमामि गंगे योजना के तहत हो रहे घाटो निर्माण और सुंदरीकरण को ठहराया है , उन्होंने ने बताया कि कार्यदायी संस्था सारे नियम कानून ताख पर रखकर निर्माण कार्य किया जा रहा है शाही पुल का तीन ताखा को बंद कर दिया गया जिसके चलते पानी की बहाव बंद हो गया है।
Bite- गौतम गुप्ता अध्यक्ष स्वच्छ गोमती अभियान