जौनपुर में करेंट लगने से युवक की हुई दर्दनाक मौत
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जौनपुर। सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के सिद्दीकपुर में करेंट लगने से लगभग 28 वर्षीय युवक की दर्दनाक मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और जांच पड़ताल में जुट गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के राम सामुझ विश्वकर्मा का पुत्र पिंटू विश्वकर्मा लकड़ी कारोबार का काम करता था। रविवार सुबह वह सिद्दीकपुर में स्थित बजरंग कालोनी के निवासी शिव प्रकाश के घर दरवाज़ा लगाने गया हुआ था। दोपहर करीब 1 बजे फोन के माध्यम से परिजनों को सूचना मिली कि पिंटू विश्वकर्मा की विद्युत करंट की चपेट में आने से मौत हो चुकी है।
मौत की खबर लगते ही परिजनों में हाहाकार मच गया रोते—बिलखते परिजन मौके पर पहुंचे तो पिंटू की मौत हो चुकी थी। परिजनों ने बताया कि पिंटू दो भाई थे। घर में बड़ा होने के नाते परिवार की सारी जिम्मेदारी पिंटू के सिर पर थी। पिंटू लकड़ी का काम—काज करके परिवार का गुजर—बसर कर रहा था। इस बाबत पूछे जाने पर थानाध्यक्ष अमित सिंह ने बताया कि तहरीर प्राप्त हुई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। विधिक कार्रवाई की जा रही है।
पत्नी का आरोप: समय से कराया होता उपचार तो पिण्टू जिन्दा होता
मृत पिंटू विश्वकर्मा की 3 वर्ष पहले सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के मनवल गांव में शादी हुई थी। मृतक की पत्नी मैना विश्वकर्मा का आरोप है कि पिंटू को जब करंट लगा तो किसी ने उसकी मदद नहीं की। अगर समय रहते उसे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचा दिया गया होता तो शायद पिंटू की जान बच जाती। दूसरी तरफ पिंटू की मौत को लेकर अब यह भी सवाल खड़ा हो रहा है कि पिंटू जहां काम करने गया था, वहां से महज कुछ ही दूरी पर करंजाकला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और मेडिकल कॉलेज भी स्थित है लेकिन कोई उसे उपचार के लिए न मेडिकल कॉलेज पहुंचाया और न ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गये जिसके कारण इलाज के अभाव में पिंटू की दर्दनाक मौत हो गई।
पत्नी के कोख में पल रहा 4 माह का बच्चा हुआ अनाथ
परिजनों ने बताया कि पत्नी मैना से अभी सुबह ही पिंटू विश्वकर्मा की बातचीत हुई थी लेकिन ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था। पिंटू रोज की तरह काम पर जाने की बात कहकर घर से निकाला और काम को चला गया। इसके बाद मौत की खबर से पत्नी के पैरों तले जमीन खिसक गई। परिजनों ने बताया कि पिंटू की पत्नी की कोख में 4 माह का बच्चा भी पल रहा है। पति के वियोग में पत्नी का रो रो कर बुरा हाल हो गया है।
मौत की खबर लगते ही परिजनों में हाहाकार मच गया रोते—बिलखते परिजन मौके पर पहुंचे तो पिंटू की मौत हो चुकी थी। परिजनों ने बताया कि पिंटू दो भाई थे। घर में बड़ा होने के नाते परिवार की सारी जिम्मेदारी पिंटू के सिर पर थी। पिंटू लकड़ी का काम—काज करके परिवार का गुजर—बसर कर रहा था। इस बाबत पूछे जाने पर थानाध्यक्ष अमित सिंह ने बताया कि तहरीर प्राप्त हुई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। विधिक कार्रवाई की जा रही है।
पत्नी का आरोप: समय से कराया होता उपचार तो पिण्टू जिन्दा होता
मृत पिंटू विश्वकर्मा की 3 वर्ष पहले सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के मनवल गांव में शादी हुई थी। मृतक की पत्नी मैना विश्वकर्मा का आरोप है कि पिंटू को जब करंट लगा तो किसी ने उसकी मदद नहीं की। अगर समय रहते उसे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचा दिया गया होता तो शायद पिंटू की जान बच जाती। दूसरी तरफ पिंटू की मौत को लेकर अब यह भी सवाल खड़ा हो रहा है कि पिंटू जहां काम करने गया था, वहां से महज कुछ ही दूरी पर करंजाकला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और मेडिकल कॉलेज भी स्थित है लेकिन कोई उसे उपचार के लिए न मेडिकल कॉलेज पहुंचाया और न ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गये जिसके कारण इलाज के अभाव में पिंटू की दर्दनाक मौत हो गई।
पत्नी के कोख में पल रहा 4 माह का बच्चा हुआ अनाथ
परिजनों ने बताया कि पत्नी मैना से अभी सुबह ही पिंटू विश्वकर्मा की बातचीत हुई थी लेकिन ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था। पिंटू रोज की तरह काम पर जाने की बात कहकर घर से निकाला और काम को चला गया। इसके बाद मौत की खबर से पत्नी के पैरों तले जमीन खिसक गई। परिजनों ने बताया कि पिंटू की पत्नी की कोख में 4 माह का बच्चा भी पल रहा है। पति के वियोग में पत्नी का रो रो कर बुरा हाल हो गया है।