शाहगंज एसबीआई उपभोक्ता भीषण गर्मी में परेशान
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निकासी जमा चालान का एक ही काउंटर पर होने से उपभोक्ता परेशान
पेयजल की व्यवस्था न होने से परेशानियां बड़ी
शाहगंज। शाहगंज नगर के निकट रामलीला मैदान के पास एकमात्र भारतीय स्टेट बैंक शाखा शाहगंज ब्रांच इन दिनों अपने कार्य क्षेत्र को लेकर काफी चर्चाओं में बना हुआ है। चाहे वह स्टाफ की कमी हो या फिर एक ही काउंटर पर जमा, निकासी एवं चालान एक ही क्लर्क के द्वारा कार्य किए जाने से उपभोक्ता को अपने लेनदेन के लिए तीन घंटों से अधिक का समय देना पड़ता है। भीषण गर्मी में आए दिन एसबीआई ब्रांच में कर्मचारियों की कमी के कारण उपभोक्ताओं को उसका दंश परेशानिया झेलना पड़ता है। परंतु दो साल से अधिक समय से यह समस्या शाहगंज के उपभोक्ता झेल रहे हैं।
परंतु शाखा के जिम्मेदार एवं उच्च पदस्थ अधिकारी अनभिज्ञ हैं। शाहगंज एसबीआई ब्रांच की कई फ्रेंचाइजी शाखा भी शाहगंज क्षेत्रों में हैं। परंतु फिर भी उपभोक्ता ब्रांच में जाने पर अपने कार्य के लिए ही परेशानियां झेलते हैं। और उपभोक्ताओं को एक ही काउंटर पर चालान जमा निकासी के लिए लाइन में घंटों इंतजार करना पड़ता है। यह समस्या अक्सर शाखा में बनी रहती है। उपभोक्ताओं को बैंक कार्य हेतु पासबुक का विशेष महत्व है। परंतु शाहगंज एसबीआई शाखा में पासबुक प्रिंटर अक्सर खराब रहता है। या फिर ऑपरेटर नहीं रहने से उपभोक्ता आए दिन लौट जाते हैं।पासबुक प्रिंटिंग के लिए शाखा में समय का बंदिश भी बनाया गया हुआ है। की पासबुक कितने घंटे प्रिंट होगा। बाहर लगे पासबुक प्रिंटिंग प्रेस पर भेजा जाता है। परंतु वहां पर भी कोई ऑपरेटर गार्ड ना होने से अशिक्षित वर्ग पासबुक प्रिंट नहीं कर पाता और पासबुक प्रिंटर भी अक्सर खराब मिलता है। एसबीआई शाहगंज ब्रांच द्वारा तमाम विद्यालय एवं सामाजिक संस्थाओं में सामाजिक सेवा दर्शाने वाली शाखा शाहगंज ब्रांच में शुद्ध पेयजल प्लांट तक चालू नहीं है। शिकायत पुस्तिका उपभोक्ताओं की नजर से दूर ही रहती है या उपभोक्ता देख नहीं पाता । शाहगंज तहसील की सबसे पुरानी ब्रांच भारतीय स्टेट बैंक शाहगंज की दुर्दशा इस समय चर्चाओं से भरा हुआ है। जिसके कारण उपभोक्ता अपने कदम पीछे खींच रहे हैं। जिम्मेदार उच्च पदस्थ अधिकारी यदि ब्रांच पर ध्यान नहीं दिए तो आने वाले समय में उपभोक्ता है परेशानियां झेलते रहेंगे जबकि ब्रांच उपभोक्ता के साथ मुस्कराहट भरा व्यवहार एवं अतिथियों जैसा व्यवहार करने का आवाहन करता है। जबकि बैंक का प्रमुख माध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं का कार्य जमा निकासी एवं चालान होता है इस प्रमुख कार्य के लिए अक्सर उपभोक्ताओं के साथ समस्या बनी रहती है। जबकि धनाढ़ एवं बड़े व्यवसायिक आदि लोग डायरेक्ट अंदर से कार्य को संचालित करा लेते हैं बाहर लाइन में खड़े लोग नियम निभाते रहने के कारण देखते रह जाते हैं।