सपा की जीत और भाजपा की हार पर हो रही है चौचक बहस
जौनपुर और मछलीशहर सीट के लिए 25 मई को वोटिंग हुई थी चार जून की मतगणना हुई। जिसमें जौनपुर सीट पर सपा प्रत्याशी बाबू सिंह कुशवाहा ने भाजपा प्रत्याशी कृपाशंकर सिंह को करीब एक लाख वोटों के अतंर से हराकर सांसद चुने गये। वही मछलीशहर सीट पर सपा उम्मीद्वार प्रिया सरोज ने भाजपा प्रत्याशी बीपी सरोज को करीब 35 हजार वोटों के अंतर से शिकस्त देकर जीत दर्ज की। जौनपुर सीट पर भाजपा की करारी हार से लोग हैरत में है। मतदान के बाद जो तस्वीर निकलकर आयी थी कि काटे की टक्कर होगी जीत हार अंतर 20 से 25 हजार आकी जा रही थी लेकिन परिणाम आने के बाद सभी लोग हैरान है। 2019 लोकसभा चुनाव में इस सीट पर सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी श्याम सिंह यादव चुनाव जीते थे उन्हे कुल 5 लाख 21 हजार 128 मत मिला था। दूसरे स्थान रहे भाजपा प्रत्याशी के पी सिंह को चार लाख 40 हजार 192 वोट मिला था। 81 हजार 26 वोटों के अंतर से श्याम सिंह ने भाजपा प्रत्याशी को हराया था।
2024 लोकसभा चुनाव परिणाम ने भाजपा के लिए अशुभ संकेत है। क्यो कि मतगणना में भाजपा चार लाख 8 हजार 512 वोट मिला जबकि सपा प्रत्याशी के खाते में पांच लाख 6 हजार 76 मत आया। 2019 की अपेक्षा इस बार 31 हजार 590 वोट कम मिला उधर हार अंतर 81 हजार से बढ़कर 97 हजार पांच सौ 64 हो गया।
इतना ही सपा ने भाजपा को इस सीट के पांच विधानसभाओं में शिकस्त देकर 2024 फतेह किया।
चुनाव परिणाम आने के बाद भगवा खेमें मायूसी है तो जिले नेताओं कार्यकर्ताओं ने मंथन कर रहे है। पार्टी खेमे से छनकर आ रही है कि कोई से संघ और संगठन की खामोशी का नतीजा बता रहा है तो भाजपा प्रत्याशी कृपाशंकर सिंह को खुद जिम्मेदार ठहरा रहा है। फिलहाल हार चाहे जिस कारण हुई लेकिन भाजपा को इस परिणाम से सबक लेने की अत्यधिक जरूर है।
तार्किक समीक्षा
जवाब देंहटाएंपूरी तरह से जातीय समीकरण पर चुनाव हुआ है जिसे भाजपा साधने में विफल रही कार्यकर्ताओं की उपेक्षा भी प्रमुख कारण रहा है
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