पत्रकार हत्याकाण्ड: पुलिसिया खुलासे से संतुष्ट नहीं हैं परिजन, सीबीआई जांच की मांग दोहराया
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दोषी बचें नहीं, निर्दोष फंसे नहीं: संतोष श्रीवास्तव
शाहगंज, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के सबरहद गांव निवासी पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की हत्या का मुख्य शूटर 1 लाख रुपए का इनामी प्रशांत सिंह उर्फ प्रिंस को पुलिस ने शूट आउट में ढेर कर दिया। शूटर का अपाचे बाइक चला रहे नीतीश राय को पुलिस ने गिरफ्तार कर खुलासा कर दिया। खुलासे में कहा गया कि पत्रकार को गोली प्रिंस सिंह ने मारी व सूपारी जमीन का कारोबारी सिकन्दर आलम ने दस लाख रुपए में दिया था। वहीं नामजद आरोपित मुम्बई का धनाढ्य नासिर जमाल और उसका भाई अर्फी उर्फ कामरान अभी पुलिस की पकड़ से दूर हैं जबकि परिजनों के मुताबिक असली मास्टर माइंड यही लोग हैं।इस बाबत आशुतोष श्रीवास्तव के बड़े भाई संतोष श्रीवास्तव कहते हैं कि शूटर तो भाड़े के होते हैं लेकिन सूत्रधार नासिर जमाल और भाई अर्फी उर्फ कामरान है। साथ ही भाई ने मृत्यु के पूर्व एक भाजपा नेता से भी अपने जान का खतरे का अंदेशा जताया था। उन पर पुलिस जांच करने से बच रही है। मैं खुलासे से इत्तेफाक नहीं रखता। मेरा मानना है कि घटना से निर्दोष फंसे नहीं और दोषी बचें नहीं, इसीलिए सीबीआई जांच कि मांग की गयी है।
एक पुलिस के अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि नासिर जमाल और अर्फी उर्फ कामरान फरार है। उन्हें गिरफ्तारी का डर सता रहा है। वहीं भाजपा नेता की शिकायत मुख्यमंत्री से किये जाने के बाद उस पर भी जांच की जा रही है। वहीं इस बाबत सीओ अजीत सिंह चौहान ने कहा कि नासिर जमाल अर्फी उर्फ कामरान और प्रकाश में आये। सिकन्दर आलम को ढूढ़ने कोतवाली पुलिस मुम्बई समेत सम्भावित स्थानों पर जा रही है।