शिक्षकों पर सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली लागू नहीं होती- रमेश सिंह
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जौनपुर। उ0प्र0मा0शि0 संघ(ठकुराई) के संरक्षक रमेश सिंह ने शिक्षा निदेशक (मा0) को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक/ कर्मचारी न तो राजकीय कर्मचारी होते हैं और न ही उन पर उ0प्र0 सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 के प्रावधान उन पर लागू होते हैं।इसलिए शिक्षा निदेशक मा0 अपने आदेश दिनांक 14 जून 2024 में आंशिक संशोधन करते हुए नया आदेश जारी करें क्योंकि वर्तमान आदेश में मानव सम्पदा पोर्टल पर पंजीकृत सभी 1778405 राजकीय अधिकारियों, कर्मचारियों को विभिन्न शासनादेशों का हवाला देते हुए अपनी चल-अचल सम्पत्ति का ब्यौरा दर्ज करने का आदेश दिया गया है।जबकि मानव सम्पदा पोर्टल पर इन शिक्षको, कर्मचारियों का भी पंजीकरण विभाग द्वारा करवाया गया है। सरकारी कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार और करोडपति अधिकारियों /बाबुओं की बढती संख्या से चिन्तित होकर सरकार ने राजकीय अधिकारियों /कर्मचारियों को अपनी सम्पत्ति का ब्यौरा दर्ज करने का निर्देश दिया है जो निश्चित रूप से सराहनीय है।जहां तक सहायता प्राप्त मा0 विद्यालयों के शिक्षकों का प्रश्न है ? वे तो केवल वेतन ही पाते हैं जो बिना कर्ज लिए ,किसी गम्भीर बिमारी की दशा में इलाज भी नहीं करा पाते।इसलिए शिक्षा निदेशक महोदय अपने पत्र को संशोधित करें और बिन्दु-03 में स्पस्ट उल्लेख करें कि मानव सम्पदा पोर्टल पर पंजीकृत सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों, कर्मचारियों को छोडकर सभी राजकीय कर्मचारी अपनी सम्पत्ति का ब्यौरा दर्ज करावें।अन्यथा की दशा में संगठन आन्दोलन के लिए बाध्य होगा।