आखिर मछलीशहर सीट पर भाजपा क्यों हारी?
बीपी सरोज की हार के बीच PM मोदी को लिखे श्याम दत्त के पत्र की क्यों हो रही चर्चा?
मछलीशहर। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद अब हार और जीत पर मंथन शुरू हो गया है, स्थानीय जनता चाय की दुकान व पान की दुकान पर अब चर्चा कर रहे हैं कि आखिर मछलीशहर सीट पर भाजपा क्यों हारी?
आरएसएस के काशी प्रांत के पदाधिकारी रहे एवं भाजपा के मछलीशहर से जिला मंत्री श्याम दत्त दुबे का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम 17 अप्रैल 2024 को लिखा पत्र वायरल हुआ है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम लिखे पत्र में कहां है कि " आपने विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया है जिसको पूरा करने के लिए आप दिन-रात परिश्रम कर रहे है। आपके परिश्रम को देखकर भारत कह रहा है, अबकि बार 400 पार। एक बार फिर मोदी सरकार, लेकिन आपके साथ केन्द्रीय चुनाव समिति में बैठने वाले कुछ लोग 400 पार के लिए घातक है। ये हारने वाले प्रत्याशी का चयन कर रहे है। उदाहरण के रूप में मछली शहर 74 लोकसभा के सांसद का कार्यकर्ता व जनता विरोध कर रही है। सर्वे में दो वर्षों से उनका विरोध दर्ज है। सबसे कम 181 वोट से जीतने वाले को पुन • आर्थिक बल के आधार पर प्रत्याशी बना दिया गया है।, इस प्रकार काशी प्रान्तु की 6 सीट सहित उ० प्र० में कुल 20 सीट पर भाजपा हार चुकी है, ऐसे प्रत्याशी चयन करने वालो को चिन्हित करने की कृपा करें। आपके संकल्प को तोड़ने वालो पदाधिकारियों को ध्यान रखे।
भाजपा के जिला मंत्री श्याम दत्त दुबे ने अपने पार्टी के हार कारण बताया उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में मौजूद नेता पार्टी के चंद लोगो से बात कर सरकारी अधिकारियों की तरह चले जाते थे। इसकी नाराजगी पार्टी के अंदर और बाहर बढ़ गई थी। भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री से लेकर अन्य नेता आम लोगों से कटे रहते हैं। वे बैक्वेंट हॉल और होटलों में बैठक कर चले जाते थे। आम लोगों से संपर्क में रहते तो पता चलता कि पार्टी के कार्यकर्ता दुखी है भाजपा के लोग जमीन से जुड़कर काम करते थे। सरकार बनने के बाद धीरे-धीरे जमीन खत्म होने लगी। सपा ने बेरोजगारी, महंगाई और किसानों का मुद्दा उठाया, लेकिन स्थानीय नेता उसका जवाब देने के लिए आंकड़े नहीं जुटा सके। सिर्फ मोदी मोदी और योगी योगी करते रहे।
Sahi kah rahe hai bhaiya
जवाब देंहटाएंकुछ दिन पहले आपके ही न्युज पोर्टल पर बी पी सरोज को सबसे अच्छा उम्मीदवार बताया गया था। आज की भाजपा और तब की कांग्रेस का बंटा धार करने में चाटुकारी पत्रकारिता का बहुत बड़ा योगदान है।
जवाब देंहटाएंसवर्णों के विरूद्ध 1365 एस सी एस टी मामले चलवाने वाले का यही हश्र होना था ब्राह्मणों को कष्ट देने वाला कभी सफल नहीं होगा। क्षत्रिय समाज और ब्राह्मण समाज की मजबूरी है कि वह सनातन की रक्षा करने वाली पार्टी के विरुद्ध गये।
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