कोरोना महामारी की याद दिला रही रामघाट पर जलती चिताएं , तीन डोमराज भी हुए बीमार
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रामघाट शवदाह स्थल पर सैकड़ों लाशें पहुंचने पर लकड़ी के दाम हुये दुगुने
शवदाह स्थल पर लगातार शव जलाने के चलते 3 डोमराज की तबीयत बिगड़ीजौनपुर। पचहटियां में स्थित राम घाट शवदाह स्थल पर भीषण गर्मी होने के कारण इन दिनों मरने वालों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई। घाट के पास रहने वाले स्थानीय विशाल चौहान ने पंजीकरण कार्यालय से बताया कि बीते गुरुवार की रात से अब तक 300 से अधिक लाशों का शवदाह संस्कार किया जा चुका है जिसमें अधिकतर मरने वालों की भारी संख्या बुजुर्गों की थी।
भीषण गर्मी से बढ़े तापमान के कारण गुरुवार से शुक्रवार दोपहर तक 300 से अधिक शवदाह किया जा चुका है। वहीं घाट पर अधिक शव आने के कारण लकड़ियों के दामों में भारी वृद्धि देखी गयी। बताया गया कि जहां पिछले दिनों 1 मन लकड़ी के दाम 350 रूपये थे, वहीं लकड़ी की कमी आवक कम होने से वर्तमान में 1 मन की कीमत 600 से 700 रुपए तक पहुंच गया है। दिन—रात सैकड़ों शवदाह होने के कारण घाट पर रहने वाले डोम राजा भी हैरान नजर आये। अन्त्येष्टि स्थल पर शवदाह के लिये स्थान कम पड़ जा रहा है। लाशों के आने का सिलसिला भी थम नहीं रहा है। घाट स्थल पर कई लाशें अन्तेष्टि के लिए लाइन में पड़ी रहती हैं। उधर पंजीकरण कराने वालों की भीड़ कार्यालय पर जुटी हुई है। इस बाबत पूछे जाने पर डोम राजा लखेदु ने बताया कि सामान्य दिनों में 40 से 50 लाशें आती थीं। भीषण गर्मी में बीते गुरवार से अब तक 300 लाशों का लगातार शवदाह करने के दौरान सरमन, रामा, पवन डोमराज की तबियत खराब हो गयी। निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इन दिनों कोरोना महामारी से अधिक लाश शवदाह के लिए दिन—रात आ रही है। वाराणसी के गंगा घाट पर शव दाह संस्कार करने की जगह नहीं है। लाशों को लम्बी कतार घाट पर लगी है। उन्होंने बताया कि वाराणसी, आजमगढ़ आदि जनपदों से कई लोग रात में शव लेकर दाह संस्कार करने राम घाट आए थे। 1 जून को वाराणसी में मतदान होने के कारण बाहरी वाहनों का प्रवेश वर्जित होने के कारण रामघाट शव दाह स्थल पर अधिक शव आने की सम्भावना जतायी जा रही है।