ग्रीष्मकालीन कार्यशाला का शुभारंभ
चित्रकला प्रशिक्षक रविकांत जायसवाल, कलाविद ने प्रशिशुओ को आवश्यक निर्देश दिए और कला की बारीकियों से अवगत कराया। भरतनाट्यम प्रशिक्षिका। सुश्री कनिष्का अग्रहरि ने प्रशिक्षुओं को इस विशिष्ट नृत्य शैली के बारे में जानकारी दी। कंटेंपररी डांस के प्रशिक्षक रोहित राव ने प्रशिक्षुओं को इस विशिष्ट नृत्य के लिए आवश्यक निर्देश दिए। सुजीत कुमार प्रांत महामंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह कार्यशाला बच्चों में अन्तर्निहित गुणों को निखारने का कार्य करती हैं। संस्कार भारती देश की कला एवं संस्कृति से नई पीढ़ी को परिचित कराना व उन्हें सीखने हेतु प्रेरित करने का कार्य भी करती है। संस्तुति श्रीवास्तव ने विगत वर्ष की कार्यशाला के अपने अनुभव को साझा किया।
इस अवसर पर राजकमल, डाॅ नरेंद्र पाठक, अवधेश जी, मनीष अस्थाना, राजेश किशोर, विष्णु गौड़, सुप्रतीक, आलोक रंजन, अरूण केसरी व अनुराधा भाटिया उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का संचालन ऋषि श्रीवास्तव ने किया।