चाय की दुकानों पर बनती- बिगड़ती केंद्र सरकार

-भाजपा ने पार्टी में परिवारवाद खत्म करने की कोशिश की पर गठबंधन के सयोगियों ने तोड़ा रिकॉर्ड, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ के बीच की तल्खी ने भी किया भारी नुकसान l

-निषाद, राजभर, और अपना दल एस के मुखिया की जुबान और परिवारवाद के मोह ने उन्हें अपनी ही जातियों से किया दूर l कांग्रेस के सहयोगी सपा परिवारवाद तो किया लेकिन पीडीए का फार्मूला हुआ सफलl इसी फार्मूला से अदर बैकवर्ड भाजपा से खिसक कर इंडिया गठबंधन की ओर आया l

-इस बार संसदीय चुनाव 2024 में दिखा कि जातियों के सहारे कबीलाई संस्कृति को पनपने को मिली ज़मींन, सातवें फेज में यूपी की 13 सीटों पर भी यही फार्मूला भारी पड़ता नज़र आ रहा, केवल वाराणसी सीट दिख रही क्लीयर पर पीएम की जीत का अंतर होगा कम ।

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कैलाश सिंह/अशोक सिंह

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जौनपुर/मछलीशहर/ वाराणसी l दिन सोमवार, स्थान चाय की दुकानें, माहौल चुनावी चर्चाl जौनपुर की दो सीटों पर मतदान हो चुके हैं और वाराणसी की सीट हॉट है l इसके साथ सातवें चरण में यूपी की 12 और सीटों पर चुनाव है l वाराणसी में चर्चाओं के दौरान पीएम मोदी के जीतने की गारन्टी सभी दे रहे लेकिन कांग्रेस के प्रत्याशी उनकी जीत के अंतर को कम करके अपनी पार्टी के यूपी में भी मजबूत होने की दस्तक देंगे l

जौनपुर में एक चाय की दुकान पर हो रही चर्चा के केन्द्र विन्दु में अदर बैकवर्ड और मुस्लिम रहे l (सभी काल्पनिक नाम) असगर बोले की मुस्लिम की पहली पसन्द फिर कांग्रेस हो चुकी है, चूंकि पूर्व सांसद धनंजय सिंह दबंग नेता हैं, सरकार चाहे जिसकी हो, वह मुस्लिमों, दबे कुचलों के लिए हमेशा तैयार होते हैं, इसलिए उनके मैदान में रहते मुस्लिम ही नहीं, अदर बैकवर्ड भी  मजबूती से खड़ा होता है l उनके मैदान से हटते ही कांग्रेस गठबंधन के सहयोगी सपा की ओर जाना ही विकल्प था l उनकी बात पर दूधिया राम आसरे पाल ने सहमति जताते हुए कहा कि भाजपा सरकार में सहयोगी बैकवर्ड नेता परिवार के साथ अपनी जाति वालों का तो ध्यान रखते हैं लेकिन अदर बैकवर्ड या अन्य पर ध्यान नहीं देते लेकिन वोट की बेला में वह अपनी ही जाति का वोट पार्टी को नहीं दिला पाते, तब वह राजा रघुराज प्रताप सिंह की तरह खुलकर तो नहीं पर अंदरखाने इशारा कर देते हैं जहाँ मन करे वहाँ जाओ, खुद मैदान में आऊँगा तब सभी साथ रहना l उनकी बात पर जोखू यादव ने बिंदास हामी भरी l

इस तरह की बहस में यह बात समझ आने लगी है कि अब लोकतंत्र में आम चुनाव हो या प्रादेशिक अथवा प्रधानी या नगर निकाय, इस दौरान आमजन भी जाति के बहाने कबीलाई हो जाता है जबकि इन्हीं चुनाव के जरिये कबीलों से उठकर लोगों को बेहद सशक्त वोट के अधिकार मिले हैं l

अब भाजपा के सहयोगी पार्टियों पर नज़र डालें तो इनपर भी चाय की दुकानों पर सुबह- शाम चर्चा होती है l जहाँ भाजपा समर्थक दुहाई देते हैं कि इन्हें देश, प्रदेश की सरकारों में स्थान दिये गए लेकिन यह अपने परिवार पत्नी, बेटे, पति तक सीमित रहकर भाजपा के समर्थकों को नाराज़ करने में लगे हैं l इनमें ओम प्रकाश राजभर और उनके साथी के अलावा अनुप्रिया पटेल टॉप पर हैं l दोनों ने सरकारों से खूब लाभ लिया लेकिन अपनी ज़ुबान से ऐसा बैकफायर किया की भाजपा के कोर वोटर बिदक गए l दिलचस्प ये है कि चुनाव के आखिर में सातवें फेज में इन तीनों के परिजन फंस गए हैं l अब इनको ही अपनी जातियों के वोट के लाले पड़ गए हैं l

यूपी की राजधानी लखनऊ में दिल्ली से गृह मन्त्री अमित शाह के हस्तक्षेप की भनक भी लगातार प्रदेश के अंतिम छोर के गावों तक पहुंचती रही l योगी जी पर ठाकुरवाद के आरोप भी लगते रहे प्रायोजित तरीके से, जबकि वह गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर हैं, उनके सभी पांव छूते हैं तब सभी संत मानते हैं l योगी के हिंदुत्व ब्रांड से घबराये अमित शाह मोदी के बाद पीएम सीट के लिए अपना रास्ता निष्कंटक बनाने लगे l इसी चक्कर में कभी केशव मौर्य कभी अन्य के नाम यूपी सीएम के लिए प्रदेश की राजनीतिक फिज़ाओं में अफवाह तैरने लगीl इन अफवाहों को इतने पंख लगे कि लोकसभा चुनाव में वोटर जातियों में विभक्त होने लगे l इसी दौरान राजभर और उनके सहयोगी को कई महीने बाद प्रदेश के मन्त्रालय में शामिल कराने को आमजन ने दिल्ली का दबाव माना, इसके बाद ठाकुर वोटबैंक भी लामबंद होने लगा l इस तरह पूरे प्रकरण का असर लोस चुनाव पर पड़ा l दुसरी तरफ विपक्ष में राहुल गाँधी को यूपी में भी आमजन गंभीरता से लेने लगा l वह मोदी के हर आरोप का पलटवार उन्हीं के बोले भाषण से करने लगे l

इधर इस चुनाव में यह भी खूब देखने को मिलता गया कि आमजन जातियों में विभक्त होकर कबीलाई संस्कृति की तरफ़ बढ़ने लगा , इसका नतीज़ा सातवें फेज में चर्मोत्कर्ष पर देखने को मिलेगा l पार्टियों की नीतियों, उनके मैनिफेस्टो दरकिनार हुए और बड़े नेताओं के भाषणों से भी नैतिकता बाहर हो गई l एक- दूसरे पर चले आरोप, प्रत्यारोप जैसे बेसिक स्कूलों के बच्चों में होने वाली अंत्याक्षरी से भी नीचे गिर गई l नैतिकता वाले मानक के बांध टूट गये l

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डाक्टर 7952813155048722287

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  1. BJP ke MP MLA ki vajah se sab hoga kiyu ki mukhiya to sakhi hai par mukhiya ka parivar jamini astar par bilkul kaam nahi kiya aur dusra sarkari karmchari bhi hai BJP ke harne ka karn kiyu ki is sarkar me garib ki koyi sunvayi nahi hai jo Amir hai vo aur Amir ho raha hai aur

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  2. Baat sahi hai....lekin yahi haal aage bhi chalta rhega.....jo jeetega wo bhi prachar tak hi sahi rehta hai aur kaam ki baat karta h,,,,,

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