छठां चरण वहां, जहां मिट्टी में मिल गया माफिया

 देश को 3 पीएम एवं कई सीएम देने वाली सीटों पर 25 को होगा मुकाबला

संजय सक्सेना, लखनऊ

उत्तर प्रदेश में छठें चरण की चुनावी जंग पूर्वांचल की उन 14 सीटों पर लड़ी जायेगी जहां (इलाहाबाद की फूलपुर लोकसभा सीट) से 1952 में कभी देश को पहला प्रधानमंत्री मिला था। यहां से 1957 और 1962 में भी नेहरू चुनाव जीते थे। 1964 में यहां से विजय लक्ष्मी पंडित ने भी चुनाव जीता था। इस सीट से 1969 में समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र और 1971 में पूर्व पीएम विश्वनाथ सिंह भी चुनाव जीत चुके हैं। फूलपुर संसदीय सीट से 2004 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर माफिया अतीक अहमद भी चुनाव जीत कर संसद पहुंचने में सफल रहे थे। बीते साल अतीक की पुलिस कस्टडी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसी के बाद अक्सर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कहते सुना जाता रहा है, ‘मिट्टी में मिल गये माफिया। फूलपुर से लगी इलाहाबाद लोकसभा सीट को भी नहीं भुलाया जा सकता है। यही से 1952 और 1957 में जय जवान, जय किसान का नारा देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने लोकसभा चुनाव जीता था। यहीं 1984 में सदी के नायक अमिताभ बच्चन ने हेमवंती नंदन बहुगुणा जैसे कद्दावर नेता को पटकनी दी थी।इसी सीट से पूर्व पीएम वीपी सिंह, कांग्रेस नेता और मुख्यमंत्री रहे हेमवंती नंदन बहुगुणा, बीजेपी के बड़े नेता मुरली मनोहर जोशी, समाजवादी रेवती रमन सिंह जैसे नेता भी चुनाव जीत चुके हैं। इसी चरण में रायबरेली और अमेठी के बाद गांधी परिवार का सबसे मजबूत गढ़ माने जाने वाले सुलतानपुर में भी चुनाव होना है। यहां से 2009 में गांधी परिवार के करीबी रहे संजय सिंह और 2014 में वरूण गांधी एवं 2019 में मेनका गांधी चुनाव जीत थे।
इसी प्रकार आजमगढ़ लोकसभा सीट को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता है।
यहां से यूपी के पूर्व सीएम राम नरेश यादव, मुलायम सिंह यादव, अखिलेश सिंह सहित कांग्रेस नेत्री मोहसिना किदवई, बाहुबली रमाकांत यादव संजय गांधी के परम मित्र अकबर अहमद डंपी चुनाव जीत चुके हैं। अम्बेडकरनगर लोकसभा सीट को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता है। यहां से 1998-1999 और 2004 में बसपा सुप्रीमांे मायावती लोकसभा चुनाव जीतने में सफल रही थीं। डुमरियांगज लोकसभा सीट की बात की जाय तो यहां से एक दिन के कांग्रेसी मुख्यमंत्री रहे जगदम्बिका पाल बीजेपी के टिकट से मैदान में हैं। छठें चरण में भदोही लोकसभा सीट पर भी चुनाव होना है। प्रदेश की यह एक मात्र सीट है जहां से तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी का प्रत्याशी मैदान में हैं। सपा ने यह सीट टीएमसी को दी है और उसने पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के पपौत्र ललितेशपति त्रिपाठी को उतारा है। एक बार विधायक रहे ललितेशपति पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
25 मई को छठें चरण के मतदान की 14 सीटों पर 162 प्रत्याशी मैदान में हैं। इस चरण में पूर्व मंत्री मेनका गांधी, कृपाशंकर सिंह, जगदंबिका पाल, दिनेश लाल यादव, धर्मेंद्र यादव, भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी, लालजी वर्मा जैसे नेताओं के भाग्य का फैसला मतदाताओं को करना है। 2019 के चुनाव पर नजर डालें तो इस चरण की 9 सीटों पर भाजपा, 4 पर बसपा और 1 पर सपा जीती थी। छठें चरण में सुलतानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संत कबीर नगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर व भदोही लोकसभा सीट पर मतदान होना है। हर बार की तरह इस चरण में भी धनबल और बाहुबल का असर देखने को मिल रहा है। इस बार जहां करोड़पति उम्मीदवारों की भरमार है तो वहीं आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार भी कम नहीं है।
छठें चरण में 23 फीसद उम्मीदवार दागी है तो वहीं एक तिहाई करोड़पति उम्मीदवार मैदान में हैं। इस चरण सपा 12 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। सपा के 75 फीसद उम्मीदवार दागी हैं। बसपा ने सभी 14 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। बसपा के 29 फीसद उम्मीदवारों पर आपराधिक मुकदमे हैं, वहीं भाजपा के 14 उम्मीदवारों में से 43 फीसद उम्मीदवार दागी है। सपा के बाबू सिंह कुशवाहा पर सबसे ज्यादा केस दर्ज हैं। दूसरे नंबर पर भी सुल्तानपुर से सपा प्रत्याशी राम भुआल निषाद है और बसपा के मोइनुद्दीन अहमद खान तीसरे नंबर हैं जो श्रीवस्ती सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस चरण में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार बाबू सिंह कुशवाहा पर सबसे अधिक 25 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं जबकि सुल्तानपुर से बीजेपी की मेनका गांधी सबसे अमीर प्रत्याशी हैं।
संसदीयवार लोकसभा सीटों की समीक्षा की जाये तो सुल्तानपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी ने मौजूदा सांसद मेनका गांधी को पुनः टिकट दिया है। मेनका गांधी 8 बार सांसद रह चुकी हैं। इस बार अगर वह चुनाव जीतती हैं तो उनका नाम उन चंद सांसदों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा जो 9 बार संसद का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। सपा से यहां राम भुआल निषाद और बसपा से उदराज वर्मा चुनाव मैदान में हैं। मेनका गांधी की समाज के हर तबके में पकड़ मानी जाती है। प्रतापगढ़ लोकसभा सीट कुंडा के विधायक राजा भैया के प्रभाव की सीट मानी जाती है। राजा भैया ने इस बार अपने समर्थकों से स्वतंत्र होकर वोट देने को कहा है लेकिन सूत्रों के मुताबिक उनके समर्थक सपा के साथ हैं। बीजेपी ने इस सीट से मौजूदा सांसद संगम लाल गुप्ता को टिकट दिया है जबकि सपा की ओर से एसपी सिंह पटेल मैदान में हैं। इलाहाबाद लोकसभा सीट पर भी इस बार सपा-बीजेपी के बीच दिलचस्प मुक़ाबला है। यहां से बीजेपी ने नीरज त्रिपाठी और बसपा ने उज्जवल रमण सिंह को टिकट दिया हैं। दोनों पारिवारिक विरासत के नाम पर जनसमर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।
फूलपुर लोकसभा सीट बीजेपी ने मौजूदा सांसद केसरी देवी पटेल का टिकट काटकर प्रवीण पटेल को उतारा है। प्रवीण पटेल फूलपुर विधानसभा से 3 बार विधायक रह चुके हैं। सपा की ओर से अमरनाथ मौर्य से उन्हें कड़ी टक्कर मिल रही है। बसपा ने जगन्नाथ पाल को टिकट दिया है। अंबेडकरनगर लोकसभा सीट पर बीजेपी ने बसपा छोड़कर आए रितेश पांडे को उम्मीदवार बनाया है। इंडिया गठबंधन की ओर से सपा के लालजी वर्मा उन्हें टक्कर दे रहे हैं। बसपा ने यहां मुस्लिम प्रत्याशी पर दांव लगाया है। बसपा से मोहम्मद कलाम शाह को बदलकर कमर हयात को टिकट दे दिया है। श्रावस्ती लोकसभा सीट पर बीजेपी ने साकेत मिश्रा को टिकट दिया है। साकेत पीएम मोदी के प्रधान सचिव और राम जन्मभूमि मंदिर समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के बेटे हैं। उनका मुक़ाबला सपा के रामशिरोमणि वर्मा से हैं। रामशिरोमणि 2019 में सपा-बसपा गठबंधन से सांसद हैं। डुमरियागंज लोकसभा सीट पर भाजपा के जगदंबिका पाल का मुकाबला इंडिया गठबंधन के भीष्म शंकर से हैं। जगदंबिका पाल दो बार कांग्रेस और दो बार बीजेपी के टिकट से सांसद रह चुके हैं और 5वीं बार मैदान में हैं। बसपा ने यहां मुस्लिम प्रत्याशी नदीम मिर्जा को टिकट दिया है। बस्ती लोकसभा सीट की बात की जाए तो इस सीट पर चौधरी वोटर्स अच्छी खासी तादाद में हैं। सपा ने यहां से पूर्व मंत्री राम प्रसाद चौधरी को टिकट दिया है। बीजेपी ने दो बार सांसद रहे हरीश द्विवेदी और बसपा की ओर से लवकुश पटेल मैदान में हैं।
संत कबीर नगर लोकसभा सीट पर बीजेपी और सपा के बीच सीधी टक्कर है। बीजेपी ने यहां मौजूदा सांसद प्रवीण निषाद को टिकट दिया है। प्रवीण निषाद कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के बेटे हैं। उनका मुक़ाबला सपा के पप्पू निषाद से हैं बसपा से नदीम अशरफ मैदान में हैं। लालगंज लोकसभा सीट पर भी 2019 में विपक्ष का कब्जा था। इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय है। यहाँ बीजेपी ने नीलम सोनकर, सपा से दारोगा प्रसाद सरोज और बसपा से असिस्टेंट  प्रोफेसर इंदु चौधरी मैदान में हैं। इस सीट पर मौजूदा सांसद मछलीशहर लोकसभा सीट से बीजेपी ने सांसद रह चुके बीपी सरोज पर फिर भरोसा जताया है जबकि ने 3 बार सांसद रहे तूफानी सरोज की बेटी प्रिया सरोज को उम्मीदवार बनाया है, बसपा की ओर से कृपाशंकर सरोज चुनाव में हैं। यहां सपा-बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर है।

 आजमगढ़ लोकसभा सीट पर 2019 में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सांसद बने थे, बाद में उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया और उपचुनाव में यहां बीजेपी के टिकट पर भोजपुरी अभिनेता दिनेश लाल यादव निरहुआ ने अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को हरा दिया। उपचुनाव में बसपा सपा की हार की सबसे बड़ी वजह बनी थी। इस बार सपा-बीडेपी के बीच सीधा मुकाबला है। जौनपुर लोकसभा सीट भी इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं। इस सीट से बीजेपी के कृपाशंकर सिंह मैदान में हैं जबकि सपा की ओर बाबू सिंह कुशवाहा चुनाव लड़ रहे हैं। बसपा से श्याम सिंह यादव उम्मीदवार है। यहां पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने बीजेपी को समर्थन देने का एलान किया है जिसके बाद लड़ाई दोतरफा हो गई है। भदोही लोकसभा सीट पर इंडिया गठबंधन की ओर से टीएमसी के ललितेश पति त्रिपाठी चुनाव मैदान में हैं जबकि बीजेपी से विनोद कुमार बिंद चुनाव मैदान में हैं।

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