'जो जस करहि सो तस फल चाखा'
(लोकसभा चुनाव 2024)
-एक तरफ तापमान तेज़ी से ऊँचाई नापता रहा और दूसरी तरफ़ मतदान की रफ़्तार खरामा- खरामा चली और शाम 6 बजे तक जिले की दोनों सीटों जौनपुर और मछलीशहर में 52 फीसदी वोट पड़े, आकड़ा थोड़ा बढ़ा भी तो 55 फीसदी का अंक नहीं पार कर सकेगा
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-मामूली झड़पों के साथ यूपी की 14 सीटों पर मतदान हुआ सम्पन्न, जिले के कुछ बूथों पर भाजपा कार्यकर्ता सवर्ण वोटरों को कोसते दिखे, बोले की सबसे ज्यादा इन्हीं को सूरज की तपिश सता रही, सपा कार्यकर्ता पुलिस प्रशासन के पक्षपात की शिकायत करते रहे l
-गर्मी तो निःसंदेह रही क्योंकि आज़ से ही शुरू हुआ नौतपा, मौसम विज्ञान ने पहले से जारी किया एलर्ट, जिन्हें था गर्मी का एहसास वह सुबह से लग गए कतार में, बाकी भीड़ कम होने का करते रहे इंतज़ार तबतक समय सीमा हुई खत्म l
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कैलाश सिंह/अशोक सिंह
जौनपुर l रामचरित मानस में तुलसीदास ने लिखा है कि' कर्म प्रधान विश्व रचि राखा, जो जस करहि सो तस फल चाखा'l इसमें तुससीदास ने कहा है कि यह संसार कर्म प्रधान है l इसे राजनीतिक नजरिये से देखें तो पहली पंक्ति एन डी ए और इंडिया गठबंधन के बड़े नेताओं के लिए है और दूसरी पंक्ति प्रत्याशियों के लिए है, जिसने जैसा किया उसका फल 4 जून को मिलेगा l
अब मौसम और मतदान प्रतिशत का खेल देखिए- तापमान ऊँचाई नापता रहा और चढ़ते -ढलते सूरज के बीच बूथ अधिकतर खाली दिखे l जिन वोटरों में उत्साह रहा वह सुबह से ही कतार में लग गए और देर से सोकर उठने वाले शाम की पाली का इंतज़ार करते रहे l यही कारण रहा की मतदान का प्रतिशत यूपी की सभी 14 सीटों में केवल अम्बेडकर नगर ने 59.53 फीसदी वोट हासिल कर पहले नम्बर पर रहा l यह आकड़ा शाम 6 बजे तक का है l उन सीटों में बढ़ोत्तरी होगी जहाँ समय सीमा से पहले वोटरों की कतार लगी होगी l ऐसा होने पर भी 60 का अंक अम्बेडकर नगर पार कर सकता है, बाकी सीटें 55 के नीचे ही रह सकती हैं l इनमें जौनपुर 52.65 और मछलीशहर 52.10 प्रतिशत रहा l जबकि सबसे कम फूलपुर में 46.80 प्रतिशत रहा l यह फीगर उत्तर प्रदेश निर्वाचन कार्यालय से ली गई है l
मतदान प्रतिशत गिरने का कारण बेशक मौसम रहा लेकिन बहुतों के लिए बहाना भी मिल गया l कुछ ऐसे ही वोटरों से हमारी टीम ने बात किया तो उनका कहना था की कोई प्रत्याशी पसन्द नहीं, जवाब में कुछ लोग बोले तो चलिए नोटा पर देकर अपना विरोध दर्ज करा दीजिए l अब जीत- हार का गणित लगाने वालों के लिए 10 दिन का समय है l वह कम मतदान पर देखें की किस दल या प्रत्याशी को फ़ायदा और किसको नुकसान होगा? इसी के साथ प्रत्याशी भी खुद को मिलने वाले फल का अनुमान लगाएं और कहाँ गलती की उस पर भी मंथन करें?