खाड़ी में आये भू स्थलीय बदलाव हुई चर्चा

 भूवैज्ञानिक दिवस पर  भू-स्खलन पर हुई गोष्ठी 

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) संस्थान के भू एवं ग्रहीय विज्ञान विभाग  में  भूवैज्ञानिक दिवस पर गुजरात के कच्छ के रण में हो रही भूवैज्ञानिक गतिविधियों पर एक गोष्ठी आयोजित की गई। 

इस अवसर पर बतौर मुख्य वक्ता बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान, लखनऊ के वैज्ञानिक डा. नितेश खोन्डे ने इस व्याख्यान में भारत- पाकिस्तान सीमा पर स्थित कोरी क्रीक की ज्वारीय खाड़ी में आये भूस्थलीय बदलाव के विषय में चर्चा की। इसी के साथ में वहाँ पिछले कुछ हजार वर्षों से हो रहे समुद्र स्तर के बदलावों एवं भू-स्थल और समुद्र के बीच हो रहे परस्पर संबंधों के विषय में भी बताया। साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि कच्छ के रण के अवसाद का मुख्य स्रोत हिमालय के क्षरण से उत्पन्न मिट्टी है जो की घघर- हकरा- नारा नदियाँ (वैदिक सरस्वती) तथा सिंधु नदी के माध्यम से यहाँ पहुँचती थी। 

अतिथि का स्वागत रज्जू भैया संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार यादव ने किया तथा संचालन भू एवं ग्रहीय विज्ञान के विभागाध्यक्ष डा नीरज अवस्थी ने किया। इस अवसर पर विभाग के अन्य शिक्षक डा श्याम कन्हैया, डा शशिकांत यादव समेत अवध विश्वविद्यालय के डा सौरभ सिंह तथा विभाग के अन्य विद्यार्थी भी मौजूद रहे।

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