साईकिल की सवारी करने के लिए कद्दावर नेताओं के हुजुम को चीरते हुए आगे आये डा0 सूर्यभान यादव
जौनपुर सदर सीट भाजपा और सपा के लिए प्रतिष्ठा परक बन चुकी है। भगवा खेमे वाले जौनपुर समेत प्रदेश की सभी 80 सीटों पर कमल खिलाने के लिए जमकर खून पसीना बहा रही है। वही भाजपा को शिकस्त देने के लिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव एक एक कदम बहुत ही मजबूती के साथ रख रहे है। यही कारण है कि अभी तक जौनपुर , मछलीशहर समेत प्रदेश की कई सीटो पर प्रत्याशी नही उतार सके है।
टिकट लेने के लिए पूर्व मं़त्री शैलेन्द्र यादव ललई, विधायक लकी यादव, पूर्व विधायक लालबहादुर यादव, पूर्व विधायक ओमप्रकाश उर्फ बाबा दुबे, जिलाध्यक्ष राकेश मौर्या, गप्पू मौर्या, तेजबहादुर उर्फ पप्पू मौर्या, डा0 सूर्यभान मौर्या समेत दर्जनों लोग लाइन लगाये हुए है।
उधर अखिलेश यादव इन नामों के अलावा किसी ऐसे प्रत्याशी की तलास कर रहे है जो भाजपा की परम्परागत वोटों में सेधमारी करके सपा को भारी बहुमत से जीत दिला सके।
जिले के समाजवादी पार्टी में वरचस्य को लेकर कई खेमें में बटी हुई है। इसी लिए अखिलेश यादव किसी अन्य विरादरी को मैदान में उतारने मन बनाया है। यदि किसी कारण से सपा मुखिया को यादव जाति के प्रत्याशी को मैदान में उतारना पड़ा तो वे खेमेबंदी से दूर पढ़े लिखें सीधे साधे स्वभाव के डा0 सूर्यभान यादव पर विचार कर सकते है। डा0 सूर्यभान कई बार अखिलेश यादव से मिलकर चुनाव लड़ने की दावेदारी कर चुके है।
डा.सूर्यभान यादव शिक्षित एवं पेशे से डाक्टर हैं तथा समाज में सांकृतिक,सामाजिक, धार्मिक स्तर पर कार्य करने हेतु बेहद मुखर माने जाते हैं। इसी प्रतिष्ठा के बल पर 2017 के विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी जैसी नवोदित पार्टी के बावजूद सर्व समाज से 27000 मत प्राप्त करके दमदार उपस्थिति दर्ज कराई थी, बताया जा रहा है कि डा० सूर्यभान यादव को स्वजातीय मतदाता ,अति पिछड़ा के मौर्य, निषाद, पाल, प्रजापति में विशेष प्रभाव के साथ दलित तथा सवर्ण मतदाताओं में भी मज़बूत पकड़ है , अल्पसंख्यक वर्ग में भी गहरी पैठ के लिए जाना जाता है।