मोहब्बत की दुकान... फीका पकवान

 

प्रमोद जायसवाल 

दुकान कितनी भी ऊंची हो, अगर पकवान अच्छा न मिलता हो तो वह ज्यादा दिन नहीं चलती। कमोवेश यही हाल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान का है। पिछले वर्ष भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान उन्होंने मोहब्बत की दुकान का नया नारा दिया। उसके बाद कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से लेकर अमेरिका तक उन्होंने इस जुमले को दोहराया। कहा कि भाजपा नफरत की राजनीति करती है। मैं नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान लगाना चाहता हूं। उनकी पार्टी के नेताओं ने राहुल की मोहब्बत की दुकान को खूब महिमा मंडित किया। उम्मीद लगाई कि इस दुकान से कांग्रेस को संजीवनी मिल जाएगी, मगर यह दुकान न जनता को रास आई और न उनके पार्टी के दिग्गज नेताओं को। सहयोगी दलों को भी इस दुकान से कोई फायदा नजर नहीं आया और एक-एक कर अलग होते चले गए।


दरअसल लोकसभा चुनाव में भाजपा को केंद्र की सत्ता से बेदखल करने के लिए जनता के बीच माहौल बनाने के उद्देश्य से कांग्रेस द्वारा भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाली गई। यात्रा का मकसद विपक्षी दलों को एकजुट करना भी था। इसी परिप्रेक्ष्य में इंडी गठबंधन का गठन हुआ। यात्रा के दौरान मोहब्बत की दुकान के नए शिगूफे का फायदा न तो राहुल को मिला और न उनकी पार्टी को। लिहाजा गठबंधन के नेताओं ने कांग्रेस के नेतृत्व को अस्वीकार कर दिया। इसी के साथ नरेंद्र मोदी के सामने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री का चेहरा पेश करने की कांग्रेस की मंशा भी फेल हो गई। बिहार में जेडीयू ने इंडी गठबंधन से किनारा कर एनडीए का दामन थाम लिया, वहीं उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल ने भी बीजेपी के साथ रहने का फैसला किया। कांग्रेस की कमजोरी से इंडी गठबंधन में फूट पड़ गई। जो दल इंडी गठबंधन से अलग नहीं हुए वे भी कांग्रेस को तवज्जो देने से कतराते रहे। नतीजा यह हुआ कि उत्तर प्रदेश में सपा की शर्तों पर कांग्रेस को सीटों की शेयरिंग करनी पड़ी। वहीं दिल्ली में आम आदमी पार्टी से भी समझौता करना पड़ा।


अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण से जनता के बीच उत्साह एवं भाजपा की मजबूत चुनावी व्यूहरचना के मुकाबले सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की पतली हालत देखकर दिग्गज कांग्रेसी नेताओं का अब पार्टी से मोहभंग होने लगा है और पार्टी में भगदड़ मच गई है। एमपी के पूर्व पार्टी प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कांग्रेस को अलविदा कर भाजपा का दामन भाम लिया तो तमिलनाडु की पूर्व विधायक एस विजय धरानी भगवा खेमे में शामिल हो गईं। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा ने भी बीजेपी जॉइन कर लिया। वाराणसी के पूर्व सांसद एवं पुराने कांग्रेसी राजेश मिश्रा ने अब भगवा चोला धारण कर लिया। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण केसरिया पटका पहन लिया। अरूणाचल प्रदेश के विधायक दल के नेता लोम्बो तायेंग ने कांग्रेस को अलविदा कर दिया। उत्तराखण्ड के पूर्व पर्यटन मंत्री दिनेश धनै समर्थकों संग बीजेपी में शामिल हो गए। इधर राहुल गांधी की यात्रा की इंट्री के पहले गुजरात के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोढवालिया समेत तीन पूर्व विधायकों ने पार्टी को बाय बाय कर दिया।

लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने में अब ज्यादा देर नहीं है। सहयोगी दल अब राहुल की न्याय यात्रा पर भी सवाल उठाने लगे हैं। राजद अध्यक्ष लालू यादव और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने यात्रा स्थगित कर चुनाव की तैयारी में जुटने की कांग्रेस को सलाह दी है।

Related

डाक्टर 1945296164341061082

एक टिप्पणी भेजें

emo-but-icon

AD

जौनपुर का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल

आज की खबरे

साप्ताहिक

सुझाव

संचालक,राजेश श्रीवास्तव ,रिपोर्टर एनडी टीवी जौनपुर,9415255371

जौनपुर के ऐतिहासिक स्थल

item