जरा सी चुक हुई तो कृपाशंकर नही पहुंच पायेगें दिल्ली, बीजेपी को लग सकता है करारा झटका
इस आकड़े को देखते हुए समाजवादी पार्टी भाजपा को शिकस्त देने के लिए ब्राहमण, मौर्या या अन्य पिछड़ी जाति के प्रत्याशी को टिकट देने पर गम्भीरता से विचार कर रही है। उधर धनंजय सिंह को सजा मिलने के बाद से जिले की तमाम जनता इसका जिम्मेदार बीजेपी को मान रही है। जिसका खामियाजा भाजपा प्रत्याशी को भुगतना पड़ सकता है।
लोकसभा चुनाव का विगुल बज चुका है। जौनपुर सीट पर बीजेपी ने मुंबई के नेता महाराष्ट्र सरकार के पूर्व गृहराज्य मंत्री कृपाशंकर सिंह को मैदान में उतार दिया है। अप्रत्याशित रूप प्रत्याशी के नाम की घोषणा होने के बाद संघ और संगठन के नेता कार्यकर्ता नाखुश और मायूस है।
20 दिन पूर्व मुबंई से टिकट लेकर जौनपुर पहुंचे भाजपा प्रत्याशी अभी संघ व पार्टी के कार्यकर्ताओं को मनाने में जुटे हुए है। इसके बाद भी स्थानीय कार्यकर्ताओं को कृपाशंकर कही से भी ठीकठाक नही लग रहे है। संगठन के कुछ नेता कार्यकर्ता कार्यक्रमों में भाजपा उम्मीदवार के साथ मंच तो साझा कर रहे है लेकिन उनका शरीर जरूर दिखाई दे रहा लेकिन उनकी आस्था कही और दिखाई पड़ रही है ै।
पिछले विधानसभा चुनाव के आकड़े बताते है कि यदि कृपाशंकर पर खाटी नेताओं और कार्यकर्ताओं की कृपा नही हुआ तो कृपाशंकर का सांसद बनने का सपना चकनाचूर हो जायेगा।
जौनपुर संसदीय क्षेत्र के बदलापुर विधान सीट पर रमेश मिश्रा ने मात्र दो हजार 448 वोटो अंतर से सपा प्रत्याशी से जीते थे। रमेश मिश्रा को कुल 82 हजार 391 मत मिला था जबकि सपा प्रत्याशी ओमप्रकाश उर्फ बाबा दुबे को 79943 वोट मिला था।
शाहगंज से भाजपा-निषादराज पार्टी के रमेश सिंह मात्र 15 सौ मतो के अंतर से जीत दर्ज किया था। रमेश सिंह को कुल 87 हजार 233 मत तो सपा के शैलेन्द्र यादव ललई को 85 हजार 733 वोट मिला था जबकि ओबैसी के पार्टी के प्रत्याशी को 8 हजार 128 वोट मिला था। सपा प्रत्याशी को मिली हार का कारण ओबैसी के प्रत्याशी को माना गया था।
मल्हनी विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गयी थी। इस सीट पर सपा के लकी यादव को 97 हजार 351 वोट मिला था दूसरे स्थान पर जनता दल पार्टी के प्रत्याशी पूर्व बाहुबली सांसद धनंजय सिंह के खाते में 79 हजार 830 वोट आया था।
भाजपा पूर्व सांसद के पी सिंह को मात्र 18 हजार 319 मत मिला था।
मुंगराबादशाहपुर विधानसभा सीट पर सपा प्रत्याशी पंकज पटेल ने भाजपा के उम्मीदवार अजय शंकर दुबे को पांच हजार से अधिक मतो के अंतर से हराया था। सपा के खाते में 92 हजार 48 मत आया था वही बीजेपी प्रत्याशी को 86 हजार 818 वोट प्राप्त हुआ था।
सदर विधानसभा सीट पर सूबे के मंत्री नगर विधायक भाजपा प्रत्याशी गिरीश चंद्र यादव देहाती क्षेत्र में सपा उम्मीदवार से शिकस्त खाते हुए शहरी इलाके में बढ़त लेकर आठ हजार वोटो के अंतर से जीत दर्ज किया था। भाजपा प्रत्याशी गिरीश यादव को कुल 97 हजार 760 वोट मिला था जबकि सपा प्रत्याशी अरशद खान को 89 हजार 708 मत मिला था। कांग्रेस के नदीम जावेद को 12 हजार से अधिक मत प्राप्त हुआ था।
इस लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। 2022 विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस को मिले मतो को जोड़ दिया जाय तो भाजपा प्रत्याशियों की हार दिखाई पड़ रही है।
लोकसभा चुनाव 2019 में सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी श्याम सिंह यादव ने जीत दर्ज किया था। श्याम सिंह यादव को कुल पांच लाख 21 हजार 128 वोट मिला था। भाजपा के के पी सिंह को चार लाख 40 हजार 192 मत प्राप्त हुआ था। कांग्रेस के देवब्रत मिश्रा के खाते में 27 हजार 185 वोट आया था।
पिछले चुनावों के आकड़े को देखते हुए समाजवादी पार्टी इस बार इस सीट पर यादव , मुसलमान को छोड़कर ब्राहमण, मौर्या या अन्य पिछड़ी जाति के प्रत्याशी को मैदान में उतारने जा रही है।