अधिकारियों द्वारा अपनाया जा रहा हैै तानाशाही रवैया
https://www.shirazehind.com/2024/02/blog-post_8.html
जौनपुर। उ0 प्र0 माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष संतोष सिंह के नेतृत्व में जनपद के सैकड़ों तदर्थ शिक्षकों के साथ संयुक्त शिक्षा निदेशक वाराणसी व जिला विद्यालय निरीक्षक जौनपुर को संयुक्त रुप से ज्ञापन सौंप कर तदर्थ शिक्षकों के वेतन भुगतान के संदर्भ में उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन करते हुए तत्काल वेतन भुगतान करने का आदेश निर्गत करने के लिए मांग की गयी तथा सभी तदर्थ शिक्षकों ने एक स्वर में मांग किया कि न्यायालय के आदेश के बाद भी तदर्थ शिक्षकों का वेतन भुगतान न करके सरकार के अधिकारियों द्वारा तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा हैै।25-25 साल से विधि संवत तरीके से नियुक्त होकर वेतन आर्हरित करने वाले शिक्षकों को अपर प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा लखनऊ द्वारा एक झटके में सेवा समाप्त कर दी गयी। उक्त आदेश को मा0 न्यायालय द्वारा स्थगित कर दिया गया एवं वेतन भुगतान एवं कार्य करने का आदेश भी प्रदान किया गया, परन्तु उच्च अधिकारियों द्वारा मा0 न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है बल्कि विनियमितिकरण की पत्रावली मांग कर निरस्त किया जा रहा है।
पत्रावली न देने पर उच्च शिक्षा अधिकारियों द्वारा प्रबन्धक व प्रधानाचार्य के उपर अनायास ही दबाव बनाया जा रहा है। समस्त तदर्थ शिक्षकों ने एक स्वर में कहा कि उच्च शिक्षा अधिकारियों के इस मनमानी एवं हठवादी रवैये से लड़ने के लिए सभी शिक्षक एकजुट होकर सदन से सड़क तक तैयार रहें।
जिलामंत्री रमाशंकर पाठक ने जनपद के सभी सम्मानित शिक्षक साथियों से अपील किया कि एकजुट होकर अपने-अपने हक की लड़ाई के लिए संघर्ष करने के लिए तैयार रहेें। इसमें अजय सिंह, विनय ओझा, जय प्रताप सिंह, राजीव सिंह, अनिल यादव, राजेश पाण्डेय, विनय शुक्ल, राज बहादुर यादव, ओम प्रकाश सिंह, मंजू सिंह, बिन्दू सिंह, रंजना चौरसिया, सुमन श्रीवास्तव आदि सैकड़ो तदर्थ शिक्षक उपस्थित रहे।
पत्रावली न देने पर उच्च शिक्षा अधिकारियों द्वारा प्रबन्धक व प्रधानाचार्य के उपर अनायास ही दबाव बनाया जा रहा है। समस्त तदर्थ शिक्षकों ने एक स्वर में कहा कि उच्च शिक्षा अधिकारियों के इस मनमानी एवं हठवादी रवैये से लड़ने के लिए सभी शिक्षक एकजुट होकर सदन से सड़क तक तैयार रहें।
जिलामंत्री रमाशंकर पाठक ने जनपद के सभी सम्मानित शिक्षक साथियों से अपील किया कि एकजुट होकर अपने-अपने हक की लड़ाई के लिए संघर्ष करने के लिए तैयार रहेें। इसमें अजय सिंह, विनय ओझा, जय प्रताप सिंह, राजीव सिंह, अनिल यादव, राजेश पाण्डेय, विनय शुक्ल, राज बहादुर यादव, ओम प्रकाश सिंह, मंजू सिंह, बिन्दू सिंह, रंजना चौरसिया, सुमन श्रीवास्तव आदि सैकड़ो तदर्थ शिक्षक उपस्थित रहे।