अनोखे विरोध में लगवाया गया हेलीकॉप्टर रातों—रात गायब
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हेलीकॉप्टर को कौन, कहां और कैसे ले गया, बना चर्चा का विषय
गायब हेलीकॉप्टर को लेकर किसान थाने में सौंपेंगे पत्रकचन्दवक, जौनपुर। आजमगढ़—वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग के डोभी क्षेत्र में लगभग 16 किलोमीटर अधूरी सड़क व भूमि अधिग्रहण किए जाने व मुआवजा न मिलने से किसानों का सब्र टूटता नजर आ रहा है। विवश किसान जनप्रतिनिधियों का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए नया अनोखा तरीका अपनाया शुरू कर
दिये हैं। इसी के फलस्वरूप किसानों ने अजीत सिंह के नेतृत्व में वाराणसी आजमगढ़ मार्ग के गोमती नदी के समीप दिवाल पर मंत्री, सांसद व विधायक को डोभी क्षेत्र में आने के लिए हेलीकॉप्टर का प्रयोग करने का सुझाव दिया जिसकी खबर प्रकाशित होते ही चहुओर चर्चा होने लगी। किसान बुधवार की दोपहर लोहे से निर्मित हेलीकॉप्टर का प्रतीकात्मक बनाकर श्लोगन लिखे मकान की छत पर रखवा दिया। मगर किसानों को कहां पता कि जिसके लिए वह 3 घंटों की मेहनत कर रहे हैं, उसे रातों—रात गायब कर दिया जायेगा।
विडंबना तो देखिए हेलीकॉप्टर को तो गायब कर दिया गया। साथ ही दिवाल पर सुझाव लिखे श्लोगन पर कालिख पोत कर उसे मिटा भी दिया गया। गायब होने की सूचना मिलते ही किसानों के पैरो तले से जमीन खिसक गई। हर कोई हैरान व परेशान दिखाई देने लगा।हेलीकॉप्टर को कौन, कहां, कैसे ले गया, इसे लेकर क्षेत्र में जितने मुंह उतनी बातें होने लगी। लोगों का कहना है कि मोढ़ेला व चंदवक चौराहे पर पुलिस पिकेट है। फिर भी हेलीकॉप्टर रहस्यमय तरीके से गायब हो गया। जिम्मेदार कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं जबकि किसानों के विरोध का तरीका पूर्णतया लोकतांत्रिक है।
वहीं किसान नेता अजीत सिंह ने बताया कि हेलीकॉप्टर को गायब करना निद्नीय कार्य है। हम लोग शांतिपूर्ण तरीके से लंबित पड़े मुआवजे की मांग कर रहे थे। केवल जनप्रतिनिधियों का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए हम लोगों को ऐसा तरीका अपनाया पड़ा था। सुबह हम लोग हर तरफ गायब हुए हेलीकॉप्टर को खोजने का कार्य करेंगे। अगर नहीं मिला तो हम सभी किसान थाने पर पहुंच शांतिप्रिय तरीके से पत्रक सौंप कार्यवाही की मांग करेंगे। साथ ही आने वाले 21 फरवरी को डोभी के सभी किसान टोल प्लाजा पर पहुंच शांतिप्रिय तरीके से धरना कर अपनी मांगो को मांगेगे।