तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव रात में तो तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह पहुंचे थे सुबह
.... तब हरिहरपुर में मच गया था कोहराम
जौनपुर : 28 जुलाई 2005 की शाम सबकुछ शांत।हरिहरपुर गांव में भी स्वाभाविक सन्नाटा। वाराणसी- लखनऊ राजमार्ग पर हरिहरपुर की बंद क्रासिंग और लोगों को उसके खुलने का इंतजार। इसी बीच गुजरती ट्रेन मे जोर का धमाका फिर चारों तरफ कोहराम। यह नजारा घटना के दिन शाम 5.20 बजे का है, जब वहां से श्रमजीवी एक्सप्रेस गुजर रही थी। आतंकी घटना का वह एक पल जनपद के इतिहास में काला अध्याय बन गया। कुछ देर पहले का सन्नाटा चीख-पुकार मे बदल गया। करुण -क्रंदन के बीच असहायों को तो काफी देर तक कोई रास्ता ही नहीं सूझ रहा था। कुछ लोग घबराहट में ट्रेन से कूद रहे थे। इसकी जानकारी होते ही थोड़ी देर में जिला प्रशासन सक्रिय हुआ तो शासन के भी रोंगटे खड़े हो गए। चंद घंटों में आस-पास के 10 जनपदों का प्रशासनिक अमला, मंडलीय अधिकारी और इसके बाद लखनऊ से गृह सचिव, डीजीपी सहित आलाधिकारी डट गए। रात भर लखनऊ-वाराणसी रोड सायरनों से गूंजता राहा। घटना को गंभीरता से लेकर रेल मंत्री लालू प्रसाद रात में तो सीएम मुलायम सिंह सुबह जौनपुर पहुंच गए। मृतक आश्रितों को नौकरी व मुआवजा की घोषणा की लेकिन मृतक के परिजनों व घायलों का कहना है कि सरकार का आश्वासन कोरा निकला।