सादिक द्वारा श्रमजीवी में विस्फोट के कबूलनामे की खबर को कोर्ट ने नहीं माना था साक्ष्य
हिमांशू श्रीवास्तव
जौनपुर -श्रमजीवी विस्फोट कांड के दोषी करार किए गए आतंकी नफीकुल विश्वास ने मंगलवार को अदालत में कहा कि आजमगढ़ के सादिक ने श्रमजीवी कांड में विस्फोट कराए जाने की बात कही थी।यह खबर अखबार में छपी थी।उसे फर्जी फंसाया गया है। 18 नवंबर 2009 को समाचार पत्र में खबर छपी थी कि हूजी के तीन आतंकी पकड़े गए थे।एटीएस प्रमुख राजीव कुमार ने बयान दिया था कि आतंकी अब्दुल बाकी, ताहिदुल और अब्दुल रहमान कोलकाता से गिरफ्तार हुए थे। उनके पास जाली करंसी नोट बरामद हुई थी। ताहिर ने श्रमजीवी विस्फोट कांड में अपने को शामिल होना बताया था। इसके अलावा एटीएस प्रमुख रघुवंशी प्रैस ब्रीफिंग में बताया था कि आजमगढ़ के सादिक शेख ने बताया कि उसने श्रमजीवी विस्फोट कांड को अंजाम दिया। आजमगढ़ के सादिक व आरिफ ने क्राइम ब्रांच के सामने कबूलनामा किया था कि श्रमजीवी विस्फोट उन्होंने कराया। अतीक ने सीट के नीचे सूटकेस रखा था जिसमें विस्फोट हुआ। कोर्ट में अखबार की कटिंग भी दाखिल की गई। 30 अगस्त 2016 को आतंकी औबैदुर्रहमान को सुनाए गए मृत्युदंड के फैसले में कोर्ट ने स्पष्ट लिखा है कि समाचार पत्र की खबर साक्ष्य नहीं होगी। न ही वह किसी विवेचना पर आधारित होती है। यदि मान भी लिया जाए की सादिक या आरिफ खुद को श्रमजीवी कांड में संलिप्त होने का बयान दिए हैं तो ऐसा बयान परीक्षण व विवेचना को भ्रामक बनाने के लिए दे सकते हैं। उनके नाम की प्रमाणिकता किसी भी विवेचना से पुष्ट नहीं है।