रामलला (गारी के धुन में)
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रामलला फिर अवध विराजे हो,उहाँ आए देखन नर-नारी।
हाँ, सियाराम के भजो,
उहाँ आए देखन नर-नारी,
हाँ, सियाराम के भजो।
फूलों की क्यारी-सी गमके अयोध्या हो,
दुल्हन के जैसी सजल अयोध्या हो।
बाटे ऊ तो मोक्ष कै पिटारी,
हाँ, सियाराम के भजो,
उहाँ आए देखन नर-नारी,
हाँ, सियाराम के भजो।
रामलला फिर अवध विराजे हो,
उहाँ आए देखन नर-नारी।
हाँ, सियाराम के भजो,
उहाँ आए देखन नर-नारी,
हाँ, सियाराम के भजो।
रामजी कै देखली सुन्दर नयनवाँ हो,
एक झलक पावै खातिर उमड़ल जहनवाँ हो।
पूरी दुनिया में सजल पूजा थारी,
हाँ, सियाराम के भजो,
उहाँ आए देखन नर-नारी,
हाँ, सियाराम के भजो।
रामलला फिर अवध विराजे हो,
उहाँ आए देखन नर-नारी।
हाँ, सियाराम के भजो,
उहाँ आए देखन नर -नारी,
हाँ, सियाराम के भजो।
तप-त्याग-संयम कै बाटे ऊ नगरिया हो,
खुश बाटे चाँद-सूरज,खुश बा अँजोरिया हो।
त्रिभुवन कै बाटे ऊ दुलारी,
हाँ, सियाराम के भजो,
उहाँ आए देखन नर-नारी,
हाँ, सियाराम के भजो।
रामलला फिर अवध विराजे हो, ( 2)
उहाँ आए देखन नर-नारी।
हाँ, सियाराम के भजो,
उहाँ आए देखन नर-नारी,
हाँ, सियाराम के भजो।
रामकेश एम. यादव मुम्बई
(कवि व लेखक)