भारतीय ज्ञान परम्परा गवर्नेन्स के लिये महत्वपूर्णः प्रो. पुरोहित
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प्रबंधन अध्ययन संकाय के वैदिक अध्ययन केन्द्र में हुआ विशेष व्याख्यानसिद्दीकपुर, जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रबंधन अध्ययन संकाय में वैदिक अध्ययन केंद्र द्वारा आयोजित विशेष व्याख्यान में दून विश्वविद्यालय देहरादून के प्रबंध संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. एचसी पुरोहित ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा गवर्नेन्स एवं नेतृत्व के लिए महत्वपूर्ण है। भारतीय ज्ञान परंपरा निष्पक्ष कार्य पद्धति एवं समरसता के सिद्धांत पर कार्य करने को प्रेरित करती है।
ऐसे कई प्रसंग एवं उदाहरण प्रस्तुत करते हुए प्रो. पुरोहित ने कहा कि महाभारत भगवत गीता रामचरित मानस जैसे तमाम ग्रंथ है जिनका अनुसरण कर समाज में भाईचारा, विश्व बंधुत्व एवं सद्भाव स्थापित किया जा सकता है। साथ ही व्यवसाय व उद्योग जगत तथा संस्थाओं के कार्यप्रणाली में यदि उस ज्ञान का उपयोग होगा तो समाज के प्रत्येक व्यक्ति को न्याय एवं निष्पक्ष भाव से नीति निर्धारण में सहयोग करने के अवसर प्राप्त होंगे। आज आवश्यकता ऐसे ही समाज के निर्माण की है, जहां राग द्वेष खत्म हो और आपस में भाईचारा स्थापित हो।
इस दौरान विषय प्रवर्तन करते हुए प्रो. अविनाश पाथर्डीकर ने वैदिक अध्ययन केंद्र के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। प्रो. मानस पांडेय ने स्वागत एवं धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ आशुतोष सिंह ने किया। इस अवसर पर डा. रसिकेश, जनसंपर्क अधिकारी डॉ अमित वत्स, सुशील कुमार, आलोक गुप्ता, डॉ इंद्रेश गंगवार, डॉ अभिनव, अनुपम कुमार, ज्ञानेन्द्र, डा. अंजली, मनोज, राकेश उपाध्याय, अभिनव, अनुपम कुमार सहित तमाम लोग उपस्थित थे।