जीवन से अहंकार निकलने पर ही होगी परमात्मा की प्राप्ति : विद्यार्थी महराज
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तेजीबाज़ार- (जौनपुर)-स्थानीय दिलशादपुर निवासी कमलाकर मिश्रा पूर्व प्रधान के आवास पर भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी महाराज के भात (प्रसाद) कार्यक्रम के उपलक्ष्य में सात दिवसीय संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा आयोजन के अंतिम दिन की कथा में कथावाचक पंडित प्रकाश चन्द्र "विद्यार्थी" महाराज जी ने भक्तो को भरत एवं हनुमान जी के चरित्र पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जब तक जीवन से अहंकार नही निकलता तब तक परमात्मा की प्राप्ति नही होती !
हनुमान जी संजीवनी लेकर श्री राम के पास जब आ रहे थे तो भरत को ये नही मालूम था कि ऊपर आकाश मार्ग से हनुमान ही जा रहे हैं, उनको अपनी गलती का अहसास तब हुआ जब भरत को ये मालूम पडा कि ये कोई और नही ये तो प्रभु श्री राम का सेवक हनुमान हैं, हनुमान ने लक्षमण के मुर्छित होने की पूरी बात जब भरत को बताई तो भरत के परो तले की जैसे जमीन खिसक गई हो ऐसा अहसास हुआ, पं0 प्रकाश चन्द्र विद्यार्थी महाराज जी ने भरत चरित्र का बहुत ही विस्तृत वर्णन कर सभी भक्तों के पलको को नम कर दिया, कथा समापन के बाद बड़े विधान से आरती- पूजन किया गया, भारी संख्या में कथा का रसपान करने आये श्रोतागणों में अयोजककर्ता दयाकर मिश्रा उर्फ बबई मिश्रा द्वारा प्रसाद का वितरण करवाया गया।
इस मौके पर करुणाकर मिश्रा, राहुल, रोहित, अमित, संजय मिश्रा, ठाकुर प्रसाद, जपाकर मिश्रा (अध्यापक), कृष्णाकर, अच्छेलाल सिंह, के डी0के0 मिश्रा, मेहुल, हरि प्रसाद तिवारी, पं0जय प्रकाश मिश्रा, रामभक्त पं0 मुकेश मिश्रा, पं0छोटे मिश्रा, बाबूल, बेदाकर मिश्रा, मोनू मिश्रा, राजेश मिश्रा, लोकेश मिश्र, सन्दीप गुप्ता पत्रकार, विनोद सेठ, गुड्डू, शशिकर, रविकर सहित सैकड़ों महिलाएं कथा का रसपान करने के लिए पंडाल में उपस्थित रही।