बेलगाम लेखपालों की सच्चाई हुई उजागर, देर से पहुंचे लेखपालों ने फरियादियों की बढ़ाई समस्या
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जलालपुर। थाने पर शनिवार को आयोजित थाना समाधान दिवस पर लेखपालों की घोर लापरवाही उजागर हुई। देर से पहुंचे करीब आधा दर्जन लेखपालों ने फरियादियों की समस्या और बढ़ा दी।
सरकार समाधान दिवस में हर पीड़ितों को न्याय दिलाने का दावा कर रही है, लेकिन लेखपाल ने सरकार के इस दावे को दरकिनार कर दिया है। बेलगाम हो चुके लेखपालों की असलियत उजागर तब हुई जब जलालपुर थाने पर आयोजित समाधान दिवस पर मीडिया की एक टीम पहुंची तो देखा की पूरा थाना परिसर फरियादों की भीड़ से खचाखच भरी हुई थी लेकिन लेखपालों का आने का सिलसिला करीब 12 बजे तक चलता रहा और कई लेखपाल समाधान के अंत तक नदारद थे।
समाधान दिवस पर कुल 12 प्रार्थना पत्र पड़े थे जिसमें तीन का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया। हल्का लेखपाल समय से उपस्थित नहीं होने से कई किसानों को समस्या झेलनी पड़ी और बिना निस्तारण के ही उन्हें वापस घर जाना पड़ा।
समाधान दिवस पर केराकत तहसील के चार, सदर तहसील के एक लेखपाल पहुंचे देर से
जलालपुर। थाना समाधान दिवस पर देर से पहुचें लेखपालों में केराकत तहसील के चार लेखपाल तथा सदर तहसील के एक लेखपाल थाने पर करीब 12 बजे पहुंचे थे। तहसील सदर के परगना बयालीस के तलामझवारा गांव के हल्का लेखपाल अजित सिंह एंव केराकत तहसील के परगना बयालीस के बराई गांव के हल्का लेखपाल हिमांशु, ओईना गांव के हल्का लेखपाल प्रसांत शर्मा, हरिपुर गांव के हल्का लेखपाल शिवराज, मझगांव गांव के हल्का लेखपाल मृत्युंजय देर से समाधान दिवस पर पहुंचे थे जिससे किसानों में काफी आक्रोश था। कुछ गांव के हल्का लेखपाल तो समाधान दिवस के अंत तक थाने पर नहीं पहुंचे और जिससे किसानों की समस्या का समाधान भी नहीं हो पाया।