पटना विस्फोट की राख से पहले खुलासा
हिमांशु श्रीवास्तव एडवोकेट
जौनपुर । श्रमजीवी कांड में विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट में विस्फोटक पदार्थ आरडीएक्स, अमोनियम नाइट्रेट, फ्यूल आयल व अलार्म घड़ी होने की पुष्टि हुई।वहीं घटना के डेढ़ माह बाद सितंबर 2005 को खुसरूपुर, पटना, बिहार में हकीम मियां के विस्फोट करके उड़ाए गए मकान की राख में भी इसी प्रकार के विस्फोटक पदार्थ पाए गए थे जिससे पहली बार श्रमजीवी कांड के खुलासे को दिशा मिली। वह यही मकान था यहां से श्रमजीवी कांड के आरोपियों ने बम बनाने का सामान खरीदा था।
तीन आरोपितों ने किया खुलासा
कोलकाता में देशद्रोह में गिरफ्तार वाराणसी के अब्दुल्ला ने पहली बार ओबैदुर्रहमान आदि का नाम श्रमजीवी कांड में लिया। कोलकाता के ही 8 फरवरी 2006 में गिरफ्तार जमशेदपुर निवासी तारिख अख्तर व नूरमोहम्मद ने बताया कि कई बार बांग्लादेश और पाकिस्तान गए हैं और ओबैदुर्रहमान ने बम बनाकर अपने साथियों से बम रखवा कर विस्फोट कराया था।
46 गवाह हुए थे परीक्षित
श्रमजीवी विस्फोट कांड में हिलाल, नफीकुल व सजायाफ्ता ओबैदुर्रहमान के मामले में कुल 46 गवाह परीक्षित हुए थे।
गेट नंबर 31 बी पर हुआ था विस्फोट
श्रमजीवी ट्रेन मुगलसराय से 14:35 पर लखनऊ के लिए चली। सिटी स्टेशन पर 16:44 बजे 2 मिनट रुकने के बाद ट्रेन आगे बढ़ी। हरपालगंज से 17: 15 बजे ट्रेन रवाना हुई। गेट नंबर 31बी से एक दो खंबा पहले अचानक 17:20 बजे हरपालगंज में कोइरीपुर स्टेशन के बीच धमाका हुआ। ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोका। ट्रेन के गार्ड जफर अली ने घटना की एफआईआर दर्ज कराया था।