ईश्वर की प्राप्ति के लिए हृदय से समर्पण का होना परम आवश्यक: प.अखिलेश
श्रीमद्भागवत कथा के सातवे दिन उमड़ी रही भक्तो की भीड़
खेतासराय( जौनपुर)।पूज्य वैद्य जी वासुदेव मिश्र जी की तपोस्थली भारती विद्यापीठ परिसर में स्थित श्री रामजानकी मंदिर ठाकुरद्वारा में आयोजित सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के सप्तम दिवस में मुख्य आयोजक अनिल कुमार उपाध्याय के नेतृत्व में यजमान के रूप में सपत्नीक अर्चन पूजन कर कथा का शुभारंभ कराया गया। कथा व्यास के रूप में आदर्श भारती महाविद्यालय के प्रवक्ता पं. अखिलेश चन्द्र मिश्र नें भागवत कथा के प्रसंग में भगवान श्रीकृष्ण के अन्यान्य विवाहों का बड़ा ही मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया।सुदामा और कृष्ण की मित्रता का वर्णन करते हुए उन्होंने भगवान की दीनबंधुता का परिचय कराया और यह सिद्ध किया कि ईश्वर की प्राप्ति के लिए हृदय से समर्पण होना परम आवश्यक है। यदुवंश को श्राप,कलि धर्म का वर्णन,नवयोगेश्वर संवाद एवं परीक्षित मोक्ष का बड़ा ही ह्रदयस्पर्शी व्याख्यान सुनाकर उपस्थित श्रोतावर्ग को मन्त्रमुग्ध कर दिया । कथा के उपरांत उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने हवन किया।आचार्य डॉ श्यामजीत पाण्डेय नें सविधि पूजन कराया।कार्यक्रम के समापन अवसर पर आयोजक अनिल कुमार उपाध्याय ने सभी आगंतुकों के प्रति धन्यवाद एवं कृतज्ञता ज्ञापित किया । इस अवसर पर प्राचार्य विनय कुमार, प्रधानाचार्या सुनीता मिश्रा,सफिया खान,प्रवक्ता विभा पाण्डेय एवं उनका समस्त स्टाफ,डॉ धर्मराज पाण्डेय,हरेन्द्र सिंह,डॉ उमादत्त मिश्र,शशिभूषण मिश्र,कृष्ण मुरारी मौर्य,मनोज शर्मा समेत अन्य लोग मौजूद रहे ।