गुरूओं की भी गुरू होती हैं पुस्तकें: श्याम सिंह यादव

 राष्ट्रभाषा हिन्दी के लिये सांसद ने आयोजित करवाया पुस्तक वितरण व सम्मान समारोह

जौनपुर के साहित्यकारों ने की ऐसे अनोखे कार्य की सराहना
जौनपुर। कहते हैं अच्छी किताबें और अच्छे लोग तुरन्त समझ में नहीं आते, उन्हें पढ़ना और समझना पड़ता है। कम्प्यूटर और इंटरनेट के प्रति बढ़ती दिलचस्पी के कारण पुस्तकों से लोगों की दूरी बढ़ती जा रही है। लोगों और किताबों के बीच की इस बढ़ती दूरी को पाटने की अनोखी पहल बीते दिनों सांसद श्याम सिंह यादव ने जौनपुर में आयोजित पुस्तक वितरण सम्मान समारोह में देखने को मिली। जयकेश त्रिपाठी परियोजना निदेशक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण द्वारा जिला विद्यालय निरीक्षक को राष्ट्रभाषा हिन्दी एवं हिन्दी साहित्य के प्रचार-प्रसार हेतु पुस्तक वितरण के लिए कार्यदायी संस्था बनाया गया। स्थानीय क्षेत्र विकास योजना अन्तर्गत राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार हेतु सांसद श्याम सिंह यादव की अनुशंसा पर हिन्दी साहित्य से संबंधित हिन्दी के महान लेखकों की रचनाओं से समृद्ध एक मिनी लाइब्रेरी की पुस्तकों का वितरण व सम्मान समारोह का श्री गणेश बीते 16 नवम्बर को नगर के शिया इंटर कॉलेज में हुआ। सांसद श्री यादव के सांसद निधि से 60 पूर्व माध्यमिक विद्यालयों को 10 हजार, 32 उच्च विद्यालयों को 25 हजार एवं 16 कॉलेज/इंटर कॉलेजों को 50 हजार की पुस्तकों के वितरण एवं जौनपुर के 12 साहित्यकार डॉ राजदेव दुबे, अजय सिंह, अहमद निसार, सभाजीत द्विवेदी, डॉ. शरतेंदु दुबे, होरी लाल ‘अशांत’, जनार्दन अस्थाना, योगेन्द्र मौर्य, डॉ. ज्योति सिन्हा, डॉ. ब्रजेश यदुवंशी, मजहर आसिफ, प्रशांत मिश्र (शांत जौनपुरी) को सम्मानित होने के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। जौनपुर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि जनपद के 108 शैक्षणिक संस्थाओं को एक मिनी लाइब्रेरी की पुस्तकों की प्राप्ति के साथ ही सांसद द्वारा जनपद के एक दर्जन साहित्यकारों का सम्मान हुआ। पुस्तक वितरण व सम्मान समारोह के समापन पर जनपद के साहित्यकारों ने शुक्रवार को सिविल लाइंस के पास बैठक के माध्यम से अपने विचारों को व्यक्त किया। इस मौके पर डॉ. सत्य नारायण दुबे ‘शरतेंदु’ ने कहा कि पुस्तकें अपने समय के समाज का दर्पण होती हैं तथा इनमें तत्कालीन समाज का तथा लेखक का जीवन दर्शन निहित होता है। जनार्दन प्रसाद अस्थाना ने कहा कि पुस्तकें मात्र ज्ञान का साधन-माध्यम ही नहीं होती, बल्कि विभिन्न संस्कृतियों को जानने-समझने में सेतु का निर्माण करती हैं। अहमद निसार ने कहा कि एक साहित्यकार के लिखने का मकसद एक सभ्य समाज की संरचना के अलावा और हो भी क्या सकता है। योगेन्द्र प्रताप मौर्य ने कहा कि "स्वप्न सारे वक्त के साकार करती हैं। ये किताबें जिंदगी उजियार करती हैं।" किसी भी देश, समाज को जानने, समझने में किताबें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। अजय सिंह ने कहा कि किताबें और पढ़नेवाले हाशिये पर पहुँच गये हैं। लाइब्रेरी आन्दोलन आखिरी साँसें ले रहा है। ऐसे में किसी सांसद द्वारा किताबें बाँटना यकीनन एक उल्लेखनीय घटना है। डॉ. ब्रजेश यदुवंशी ने कहा कि पुस्तकें सिर्फ कागज का पुलिन्दा नहीं, पुस्तकें आपकी कल्पना को रोशन करती हैं। किताबें आपको अपने आस-पास की दुनिया के बारे में अपना अनूठा दृष्टिकोण बनाने में भी मदद करती हैं। लोकसभा क्षेत्र जौनपुर के सांसद श्याम सिंह यादव द्वारा राष्ट्रभाषा हिन्दी, हिन्दी साहित्य और पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा देने हेतु पुस्तक वितरण कार्यक्रम का आयोजन वाकई काबिले तारीफ है। इस आयोजन से यमदग्नि ऋषि की तप:स्थली, धनुर्धर परशुराम की प्रशिक्षण भूमि, मध्यकाल के शीराज-ए-हिन्द जौनपुर के विद्यार्थियों में साहित्य के प्रति लगाव बढ़ेगा। डॉ. ज्योति सिन्हा ने कहा कि पुस्तकें मात्र ज्ञान का साधन-माध्यम ही नहीं होती, बल्कि विभिन्न संस्कृतियों को जानने-समझने में सेतु का निर्माण करती हैं। आज तकनीकी साधनों ने पुस्तकों के प्रति आम जनमानस की अभिरुचि को भी प्रभावित किया है। डॉ. राजदेव दुबे ने कहा कि गत दिवस आयोजित सम्मान समारोह एवं हिन्दी राष्ट्रभाषा के विकास एवं उन्नयन से सम्बन्धित कार्यक्रम बहुत ही सराहनीय रहा। होरी लाल अशांत ने कहा कि इससे साहित्य जगत में जौनपुर का योगदान अपने पूर्ण अस्तित्व में आएगा साहित्यकारों के प्रति यह सहानभूति ही नहीं, बल्कि प्रत्युत हार्दिक सम्मान का एक अनूठा उदाहरण है। प्रशांत मिश्र 'शांत जौनपुरी' ने कहा कि आज जब पुस्तकें डिजिटल रूप में प्रस्तुत हैं, लोग पुस्तकों की बजाय अन्य उपलब्ध संसाधनों की ओर उन्मुख हैं। मज़हर आसिफ ने कहा कि समारोह की भव्यता में कमी का कोई रोना नहीं, सम्मान और साहित्यकारों के मध्य बीता समय मूल्यवान होता है, कभी उसका बदल सम्भव नहीं। सभाजीत द्विवेदी ने कहा कि पुस्तकों की भूमिका ज्ञान संवर्धन, समाज निर्माण, योग्य और दायित्वपूर्ण नागरिक पैदा करने में अप्रतिम है। जयकेश त्रिपाठी परियोजना निदेशक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण ने कहा कि सोशल मीडिया के दौर में पुस्तक वितरण सम्मान समारोह का आयोजन अपने आपमें बहुत बड़ा कदम है, क्योंकि किताबें वह साधना हैं जिसके द्वारा हम सभी प्रकार की संस्कृतियों के बीच पुल निर्माण का काम करते हैं। राजीव रंजन मिश्र जिला विद्यालय निरीक्षक ने कहा कि स्कूलों/कॉलेजों में पुस्तकें देकर सांसद श्याम सिंह यादव ने ज्ञान की रक्षा के लिए पुस्तकों की जिन्दगी बचाने का महान कार्य किया है। मुकेश कुमार ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य राष्ट्रभाषा हिन्दी के मान-सम्मान को बढ़ाकर साहित्य साधकों का सम्मान के साथ ही सांसद श्याम सिंह यादव के सौजन्य से जनपद के 108 शैक्षणिक संस्थाओं को हिंदी के महान कालजीय लेखकों की रचनाओं से समृद्ध एक मिनी लाइब्रेरी की पुस्तकों की प्राप्ति कराना था। कार्यक्रम के संचालक डॉ. सैयद अलमदार हुसैन ‘नज़र’ प्रधानाचार्य ने कहा कि स्कूलों/कॉलेजों को भवन मिलने के सैकड़ों उदाहरण होंगे लेकिन पुस्तकें दिये जाने का जौनपुर में यह पहला मामला है। कार्यक्रम की सफलता में राजेश गुप्ता कार्यालय जिला विद्यालय निरीक्षक, अजय मौर्य (समग्र शिक्षा) कार्यालय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। अन्त में कार्यक्रम संयोजक मुकेश कुमार ने समस्त आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।

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