तीन दिवसीय मजालिसे फ़ातेमी स.अ. 15, 16, 17 दिसम्बर को
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जुमे से शुरू हो जायेंगी अय्याम ए अजा ए फातेमा (स.अ) की सह रोजा मे छः मजालिस*
*आखिरी नबी की बेटी फातेमा (स.अ) की सीरत की जायेगी बयां*
जौनपुर। पैगंबर हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स.अ.व.) व की इकलौती बेटी हज़रत फातिमा ज़हरा (स.अ.) की शहादत की याद में तीन दिवसीय मजालिसे फ़ातेमी स.अ. का प्रोग्राम 15, 16, व 17 दिसम्बर दिन जुमा, सनीचर, इतवार को जामिआ ईमानिया नासिरिया हमाम दरवाज़ा में होने वाला है। पहली मजलिस 8 बजे सुबह तो दूसरी मजलिस 10.30 बजे सुबह व तीसरी मजलिस 3 बजे दोपहर व चौथी मजलिस बाद नमाज़े मग़रिबैन होगी। जिसमें चौथे दिन मशहूर और मारूफ नौहाख्वां सै. कासिफ ककरौली (मुज़्जफरनगर) फात्मा जहरा स.अ. की शान में मसाएबी नौहा पढ़ेंगे।
इस प्रोग्राम का यह उन्नीसवां दौर है। प्रोग्राम की शुरूआत मुजाहिदे मिल्लत आयतुल्लाह महमूदुल हसन ख़ाँ साहब ने सन 2004 से जामिआ ईमानिया नासिरिया हमाम दरवाज़े शुरू की। जिसमें जामिआ ईमानिया नासिरिया व मोमनीन शीराजे हिन्द जौनपुर के लोगों ने इस प्रोग्राम में अपना ताउन दिया और प्रोग्राम में ज़्यादा से ज़्यादा तादात में पहुंच कर मजलिसों में शिरकत की।
इस मौके पर लोग पैगम्बर हज़रत मोहम्मद मुस्तफा स. अ. व आ. और इमाम हसन अ.स व इमाम हुसैन अ.स की वालदा शहज़ादी हज़रत फ़ातेमा ज़हरा स.अ. के मसायब पर गिरया करके पुर्सा देते हैं।
मजालिसे फ़ातेमी स.अ. 2004 से लेकर 2017 तक मुजाहिदे मिल्लत आयतुल्लाह महमूदुल हसन ख़ाँ साहब ने इस प्रोग्राम की मेज़बानी की। उनका इंतेकाल सन 2018 में 13 रज़ब के दिन
हुआ था। उन्हें अपनी अबाई कब्रिस्तान अमहट जिला सुल्तानपुर में सुपुर्द ए खाक़ किया गया था। जिसमें जिला शिराज ए हिंद जौनपुर समेत कई जिलों के लोग मौजुद थें। उनके इंतेकाल के बाद इस प्रोग्राम की बागडोर उनके बेटे जेरे निगरानी हुज्जतुल इस्लाम वलमुस्लेमीन आलीजनाब मौलाना महफूजुल हसन ख़ाँ साहब क़िब्ला प्रिन्सिपल जामिआ ईमानिया नासिरिया इमामे जुमा शहर जौनपुर ने संभाली है। शिराज ए हिंद के मोमनीन उसी तरह साथ देते चले आ रहें हैं। जिस तरह आयतुल्लाह महमूदुल हसन खां साबह का साथ दिया करते थें।