खुदा की इबादत के साथ वालदैन की खिदमत भी जरूरी:सै.जाफर
मौलाना ने कहा कि जो बच्चे अपने वालदैन को दुनिया में परेशान करते हैं और उनकी खिदमत नहीं करते हैं उनके लिए जन्नत का रास्ता पूरी तरह खुदा बंद कर देता है। मौलाना जाफर रिजवी ने कहा कि दीने इस्लाम को जानने के लिए कुरआन का पढ़ना जरूरी है जिसमें ये बातें साफ तौर पर बताई गई है कि अपने वालदैन की खिदमत का मर्तबा क्या है ऐसे में मैं लोगों से अपील करूंगा कि वे अपने मां बाप की खिदमत जितना हो सके करते रहें। कर्बला का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हज़रत इमाम हुसैन अ.स. ने अपने 71 साथियों की शहादत देकर आज जो दीने इस्लाम को बचाया है उसपर हम सबको चलने की जरूरत है। इससे पूर्व सोजखानी हसन अली मुजफ्फरनगर ने पढ़ा। जबकि पेशखानी मेंहदी मिर्जापुरी व मुबारक जलालपुरी ने किया। अंजुमन गुलशने इस्लाम के नौहेखान तनवीर जौनपुरी ने अपने दर्द भरे नौहे पढ़कर माहौल को गमगीन कर दिया। मजलिस में मौलाना महफूजुल हसन खां, मौलाना मेराज अहमद खां, मौलाना सैयद आबिद रिज़वी, मौलाना शौकत रिज़वी नरवारी, अली मंजर खां दुलारे, जुहैरूल हसन खां, हुसैन इमाम, मो.फिरोज खां, मो.अफजल खां, डॉ.मो.इरफान खां, डॉ.मो.अजीम खां सहित अन्य लोग मौजूद रहे।