शिव महापुराण कथा सभी देश काल में प्रासंगिक: स्वामी नारायणानंद
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जौनपुर। विकास खंड मछलीशहर के गांव बामी में बृहस्पतिवार को नारायण सेवा समिति बामी के आयोजन में पूरे सप्ताह भर चलने वाली श्री शिव महापुराण कथा के प्रथम दिन काशी धर्मपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नारायणानंद तीर्थ जी महाराज ने बामी और क्षेत्र के भक्तों से कहा कि श्री शिव महापुराण कथा प्रत्येक देश काल में प्रासंगिक है।इस कथा का शांत भाव से श्रवण करने से श्रोता शिव से तादात्म्य स्थापित कर लेता है जिससे उसे अद्भुत संतोष की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि पापियों के पाप में अपवित्र करने की उतनी शक्ति नहीं है जितना ईश्वर के नाम में पवित्र करने की शक्ति है। उन्होंने कहा कि इस कथा के माध्यम से हमें साध्य साधन और साधक तीनों को समझने में मदद मिलती है। सत्य भाषण से विमुख और पराये धन का लोलुप व्यक्ति शरीर को ही आत्मा समझने लगता है। प्रवचन के दौरान महाराज जी ने मंगलाचरण प्रथम दिवस की कथा सुनाई जिसमें भगवान शंकर द्वारा गणेश का सिर कटने की कथा, भगवान शंकर और त्रिपुरासुर राक्षस से युद्ध की कथा में भगवान गणेश के पूजन के महत्व को श्रोताओं को समझाया। गणेश पूजन के पश्चात त्रिपुरासुर का वध करने पर भगवान शिव ने कहा कि जो कोई भी व्यक्ति कोई भी कार्य करने से पूर्व भगवान गणेश का पूजन करेगा, उसे धन-धान्य,यश, कीर्ति, वैभव की कोई कमी नहीं रहेगी। प्रथम दिवस की कथा समापन के पश्चात सत्संग पंडाल में उपस्थित लोगों ने पूज्य गुरुदेव की आरती की।
इससे पूर्व गुरुजी के सत्संग पंडाल में आने पर भक्तों ने पादुका पूजन किया। कथा में बीच-बीच में संगीतमय पाठ भी चल रहा था जिसे सुनकर भक्ति भाव से सभी श्रोतागण मंत्रमुग्ध हो रहे थे। संगीत मंडली टीम में कृष्णा उपाध्याय,लकी दूबे, शिवकुमार,दीलीप वान खेड़े, चन्द प्रकाश शर्मा, रिंकू कमल आदि शामिल रहे।