करोड़ो का रंग, चार महीने में ही हुआ बदरंग
विश्वविद्यालय रंगाई- पुताई में बड़े स्तर पर मानक की अनदेखी
हकीकत बताने से बचते हैं विश्वविद्यालय के जिम्मेदार
मल्हनी (जौनपुर): वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित भवनों की रंगाई - पुताई में बड़े स्तर पर मानक की अनदेखी की गई है।घटिया किस्म के रंग पेंट प्रयोग किए जाने की वजह से चार महीने के भीतर ही दीवारों से रंग उचड़कर गिरने लगे हैं। अगले माह दिसंबर के प्रथम सप्ताह में नैक का पुनर्मूल्यांकन है ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय का विगत अगस्त महीने के दूसरे सप्ताह में नैक का मूल्यांकन होना था। नैक मूल्यांकन के पूर्व विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रशासनिक भवन,शिक्षण संस्थान,हॉस्टल,खेलकूद भवन एवं आवासीय परिसर की रंगाई - पुताई की जिम्मेदारी विवि प्रशासन ने कार्यदाई संस्था (एनसीसीएफ) एवं समाज कल्याण विभाग को दी थी।रंगाई - पुताई की अनुमानित लागत लगभग 4.10 करोड़ रुपए थी। नैक मूल्यांकन की तिथि नजदीक होने की वजह से कार्य काफी तेजी से कराए गए थे। आवासीय परिसर के भवन के रंगाई की जिम्मेदारी कार्यदाई संस्था समाज कल्याण को 1.44 करोड़ व प्रशासनिक भवन एवं शिक्षण संस्थानों की जिम्मेदारी कार्यदाई संस्था (एनसीसीएफ) को 2.65 करोड़ में दी गई थी।रंग रोगन हुए अभी चार महीने भी नहीं हुआ है भवन की दीवार व छतों से रंग छोड़कर गिरने लगा है।इसमें सबसे खराब स्थिति प्रशासनिक भवन की है।प्रशासनिक भवन एवं अन्य विभागों में रखी अलमारी को सिर्फ बाहर से पेंट करने का ठेका दिया गया था।इसलिए ठेकेदारों ने अलमारी से कागजात,रजिस्टर निकाले बिना बाहर से ही पेंट कर के छोड़ दिया।
हमको आवासीय परिसर के रंगाई पुताई की जिम्मेदारी मिली थी। जिसका ठेका 1.44 करोड़ का था। लागत का 80 प्रतिशत भुक्तान हो चुका है और 20 प्रतिशत अभी बाकी है।
सत्यम मौर्य
ठेकेदार
समाज कल्याण
हमारी संस्था को विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन व शिक्षण संस्थानों के रंगाई - पुताई का 2.65 करोड़ में ठेका मिला हुआ था।जिसे समय से पूरा कर दिया गया था। एशियन पेंट का प्रयोग किया गया है जो लगभग चार पांच साल तक चलता है। उस समय काम थोड़ा जल्दबाजी में हुए थे। कुछ जगह सीलन की वजह से भले ही रंग छोड़ दिया है लेकिन फाइल अभी क्लोज नहीं हुई है एक साल की गारंटी होती है।
अभिषेक सिंह
ठेकेदार
एनसीसीएफ
मुझे विश्वविद्यालय के वित्त विभाग की जिम्मेदारी अभी जल्दी मिली हुई है। इसलिए पूर्व में कराए गए कार्यों की जानकारी नहीं है।
उमाशंकर
वित्त अधिकारी,
पूर्वांचल विश्वविद्यालय
सभार, दैनिक जागरण