रावण वध होते ही गूंजे जय श्रीराम के जयकारे
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शाहगंज, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के बीबीगंज अन्तर्गत गोड़िला फाटक बाजार में श्री बजरंग नवयुवक रामलीला समिति के अंतिम दिन काली माता का आरती के बाद रामलीला का मंचन शुरू किया गया। रामलीला में बृहस्पतिवार की रात को कुंभकरण वध, मेघनाद वध, अहिरावण वध व रावण वध की लीला का मंचन किया गया जिसमें मेघनाद की मृत्यु के बाद रावण असहाय महसूस करता है और सोचता है सारे योद्धा एक-एक करके मारे गए। अब कौन है जो इस समय मेरी सहायता करेगा। तब उसे अपने बेटे पाताल के राजा अहिरावण का ध्यान आता है।रावण अपनी माया शक्ति से अहिरावण को बुलाता है और उसे युद्ध मे जाने के लिए कहता है। अहिरावण अपने पिता को कहता है कि आपने एक पराई स्त्री के लिए कुंभकर्ण व मेघनाद जैसे महायोद्धा कुर्बान कर दिए और अब मेरे पास आए हो लेकिन वह बेटा किस काम का जो मुसीबत के समय काम न आये, इसलिए मैं युद्ध में जरूर जाऊंगा और श्रीराम के हाथों मारे जाने से अच्छी बात मेरे लिए और क्या होगी। अहिरावण अपने मायावी शक्ति से राम-लक्ष्मण का अपहरण कर पाताल में बलि देने के लिए ले आता है। उसके बाद हनुमान वहां पहुंच जाते हैं और अहिरावण का वध करके राम-लक्ष्मण को छुड़ाकर ले आते हैं।
अहिरावण वध की खबर सुन रावण अपने युद्ध की कमान संभालते हैं और राम व रावण में भयंकर युद्ध होता है। जब बहुत देर तक रावण हार नहीं मानता तो श्रीराम विभीषण से कहते हैं कि क्या कारण है कि रावण मर नहीं रहा। तब विभीषण राम को बताते हैं कि आप इसकी नाभि में तीर मारिए, तब इसकी मौत होगी। रावण के वध होते ही पंडाल में जय श्रीराम का नारा गूंज उठा।
इस मंचन में राम का पाठ अनुप श्रीवास्तव, लक्ष्मण का पाठ पप्पू शर्मा, सीता का पाठ शशिकांत विश्वकर्मा, रावण पुत्र मेघनाथ का पाठ विपिन यादव, अहिरावण का पाठ कालीचरण गुप्ता, कुंभकरण का पाठ आशीष मौर्य, हनुमान का पाठ राजेश गुप्ता, मकरध्वज का पाठ रोहित गुप्ता ने किया।
इस अवसर पर रामलीला समिति के अध्यक्ष रोहित गुप्ता, उपाध्यक्ष अनूप जायसवाल, दुर्गा प्रसाद गुप्ता, संतोष गुप्ता, सुरेश गुप्ता, श्याम नारायण गुप्ता, आकाश साहू, सूरज साहू, अनुप श्रीवास्तव, सन्तोष भारती, सतेंद्र चौहान आदि उपस्थित रहे।