चकबंदी विभाग सब से अधिक भ्रष्ट विभाग है :वकार हुसैन
उक्त बातें हिन्दुस्तान मानवाधिकार संस्था के उत्तर प्रदेश प्रभारी एवम प्रदेश महासचिव वकार हुसैन ने जिला कैम्प कार्यालय में कुछ पीड़ित किसानों की उपस्थिति में कही है। श्री हुसैन ने इस संबंध में प्रदेश के मुख्य मंत्री आदित्यनाथ योगी, मुख्य न्यायधीश उच्च न्यायालय इलाहाबाद, विशेष सचिव राजस्व विभाग,भूमि व्यवस्था आयुक्त और जिलाधिकारी जौनपुर को शिकायती पत्र पोर्टल और डॉक द्वारा भेजा है।श्री हुसैन के अनुसार भ्रष्टाचार के ही आधार पर कभी उच्च न्यायालय ,कभी प्रशासन बार बार चकबनी कार्य रोकने से ही स्पष्ट हो जाता है कि जब भी चबंदी होती है ,भ्रष्टाचार अपनी प्रकाष्ठा पर पहुंच जाता है।
श्री हुसैन ने लिखा है कि चकबंदी प्रक्रिया शुरू से अन्त तक कभी रकबा शॉर्ट दिखा कर,नक्शा, नाम, पिता आदि में त्रुटियां दिखा कर ,धन उगाही की जाती है। तरमीम और वारासात के नाम पर 3000/ से 5000/ रुपए तक वसूल लिए जाते हैं।इसी प्रकार मनपसंद चक प्राप्त करने के एवज मोटी रकम का सौदा किया जाता है।
श्री हुसैन के अनुसार करीब दो दशक पूर्व माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने जिस भ्रष्टाचार के आधार पर कार्य रोक दिया था,बिना माननीय न्यायालय को संज्ञान में लिए जब पुनः चकबंदी कार्य कराया जा रहा है तो भ्रष्टाचार पहले से भी अधिक होता देख प्रशासन को भी चकबंदी कार्य रोकना पड़ा, जिस से कमाने और कामवाने दलाल ,और फायदे के उद्देश्य से हजारों,लाखों रुपए खर्च करदेने वाले किसान बौखला गए,वही लूटने वाले चकबंदी कर्मी काफी चिन्तित हो गए, अतः पुनः अर्थात तीसरी बार किसी तरह चकबंदी कराने केप्रयास किए जा रहा है।
वकार हुसैन ने सरकार में बैठे शीर्षअधिकारियों,और उच्च न्यायालय से निवेदन किया है कि यदि चकबंदी भ्रष्टाचार मुक्त संभव न हो तो इसे स्थगित ही कर दिया जाय।