स्थापित एवं विस्थापित क्षत्रिय महासम्मेलन का हुआ आयोजन
https://www.shirazehind.com/2023/11/blog-post_41.html
जौनपुर। यमदग्नि ऋषि की पावन धरती जौनपुर नगर के बदलापुर पड़ाव पर स्थित एक पैलेस में इतिहास में पहली बार सम्मेलन हुआ जहां हिन्दुस्तान की तमाम महान विभूतियों का आगमन हुआ। यह आयोजन क्षत्रिय विकास संस्था के प्रदेश प्रभारी डॉ. जय सिंह राजपूत ने किया जिसके मुख्य अतिथि राज भवन मेढ़ावां नरेश राणा सूबेदार सिंह चौहान ने कहा कि सभी क्षत्रिय एक हैं। हमें राजनीतिक पार्टियों ने कमजोर करने के लिए अगड़ा पिछड़ा भले ही साबित करने का काम किया है परंतु हम संकल्प लेते हैं कि सबको संगठित करके ही दम लिया जाएगा। विशिष्ट अतिथि डॉ. राज सिंह शेखावत अहमदाबाद ने कहा कि आज भले ही हमारी उपेक्षा की जा रही है परंतु जिस दिन सभी क्षत्रिय संगठित हो जाएंगे, उस दिन सरकार हमारी होगी। इसी क्रम में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उमाशंकर सिंह कुशवाहा ने कहा कि क्षत्रिय कोई छोटा बड़ा नहीं है। विपरीत परिस्थितियों के नाते भले ही उन्हें क्षत्रिय समाज की मुख्य धारा से अलग किया गया हो। डॉ. दिनेश सिंह ने कहा कि विस्थापित चौहान क्षत्रिय समाज के ही अंग है और इनका बहुत ही गौरवशाली इतिहास रहा है। इसी कड़ी में पूर्व विधायक मो. अरशद खान ने बताया कि जब-जब देश पर आपत्ति आई है, तब—तब क्षत्रियों ने मोर्चा संभाला है। सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता डॉ संगीता सिंह बिसेन ने कहा कि समय रहते सभी क्षत्रिय को एक हो जाने की आवश्यकता है। मेवाड़ी क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिलीप सिंह चौहान ने बताया कि आज तक स्थापित राजपूत विस्थापित राजपूतों को केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए अपना कहा लेकिन उनसे सामाजिक सम्बन्ध बनाने में कतराते रहे हैं। क्षत्रिय प्रशस्ति ग्रंथ के लेखक आद्या प्रसाद सिंह ने कहा कि अगर क्षत्रिय राज्य संवर्धन करना है तो सभी क्षत्रियों को गले से गले लगाना होगा। इस अवसर पर संदीप सिंह चौहान, दुर्गविजय सिंह, डॉ अनंत सिंह, कृष्ण मोहन सिंह आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. डॉ शिवराम सिंह चौहान एवं संचालन क्षत्रिय विकास संस्था के महामंत्री बीपी सिंह परमार ने किया।