भाव के भूखे रहते हैं भगवान: योगेश दास

राम विवाह प्रसंग सुन श्रोता हुये निहाल

राज राजेश्वरी मन्दिर हूंसेपुर में चल रही 8 दिवसीय श्री रामकथा

जफराबाद, जौनपुर। त्रिपुर सुंदरी मां राज राजेश्वरी के भव्य- दिव्य मंदिर में राम कथा के 6वें दिन विवाह का सुंदर प्रसंग सुन श्रोता निहाल हो उठे। स्थानीय क्षेत्र के हूंसेपुर में आयोजित रामकथा में लखनऊ से पधारे भागवत भूषण आचार्य योगेश दास ने फुलवारी चरित्र का मनोहारी वर्णन किया। मानस की पंक्ति नवपल्लव सुमन फल भाए की सारगर्भित व्याख्या करते हुए कहा कि भगवान तो भाव के भूखे हैं जिसके हृदय में भक्ति भाव प्रस्फुटित हो सुंदर निर्मल मन हो और भाव श्रद्धा रुपी फल हो, वहां प्रभु का निवास अवश्य होता है।
विद्वान आचार्य ने धनुष यज्ञ की लीला के प्रसंग में प्रभु श्रीराम की महिमा की आकर्षक प्रस्तुति से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।
उन्होंने बताया कि इस दौरान राजा जनक की असहजता, सुनैना की निराशा व देवी सीता की व्याकुलता का सजीव चित्रण किया गया। जाकी रही भावन जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी इस पंक्ति की व्याख्या करते हुए कहा कि रामजी जब धनुष तोड़ने चले तो वहां बैठे लोगों की जैसी स्थिति थी, उन्हें भगवान का वैसा स्वरूप दिखने लगा था। श्री सीताराम के विवाह गीत पर श्रोता थिरकने को विवश हो उठे। भोग प्रसाद व भगवान की आरती के बाद कथा का विश्राम हुआ।
इस मौके पर आयोजन समिति ने बताया कि 23 नवम्बर को कथा का समापन होगा तथा 24 नवम्बर हवन के साथ 25 नवम्बर को महा प्रसाद वितरण होगा। आयोजक पूर्व अपर मुख्य सचिव सदाकांत शुक्ला (सेवानिवृत्त आईएएस) रहे। शिवाकांत शुक्ला एडवोकेट ने आये लोगों के प्रति आभार जताया। इस अवसर पर अनुराग शुक्ला, पप्पू शुक्ला, पूर्व प्रधान बलिराम राजभर, शामू यादव, शिव यादव, मन्ना लाल यादव, दिलीप यादव सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

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