राजस्व विभाग के रोक के बावजूद काट लिया गया फसल
https://www.shirazehind.com/2023/11/blog-post_303.html
मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के अमारा ग्राम में चरागाह, बांध और भीटा खाते की भूमि पर लगभग एक दशक से खेती करने के मामले में बेदखली की कार्यवाही करने हुए राजस्व अधिकारियों द्वारा लेखपाल के माध्यम से फसल काटने से मना किया गया। मना करने के बावजूद कब्जाधारक ने धान काट लिया। मामले में तहसील में आयोजित समाधान दिवस में प्रार्थना पत्र पड़ा तो जिलाधिकारी ने प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है।जानकारी के अनुसार उक्त गांव में लगभग 4 बीघे चरागाह, बांध और भीटा खाते की भूमि पर गांव के ही कुछ लोगों द्वारा अवैध तरीके से खेती की जाती है। उक्त सार्वजनिक संपत्ति को खाली कराने के लिए कुछ ग्रामीणों ने राजस्व विभाग में शिकायत की। लोगों की शिकायत पर राजस्व लेखपालों की एक टीम गठित हुई और मौके पर पैमाईश कर भूमि का सीमांकन किया गया। लेखपाल ने भूमि पर खेती करने से मना कर दिया था लेकिन कब्जा धारक ने धान की रोपाई कर दी।
मामला उपजिलाधिकारी राजेश चौरसिया के सामने आया तो उन्होंने कार्यवाही करते हुए फसल काटने से मना करने का आदेश लेखपाल को दिया। लेखपाल 26 अक्टूबर को गांव में जाकर किसान को फसल काटने से मना किया। लेखपाल के मना करने के बावजूद फसल काट ली गई। पुनः गत शनिवार को सम्पूर्ण समाधान दिवस में जिलाधिकारी के सामने प्रकरण आया तो उन्होंने तहसीलदार को जांच कर प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया। नायब तहसीलदार के नेतृत्व में टीम मौके पर पहुंची और फसल काटने की पुष्टि कर दी। लेखपाल द्वारा घटना की सूचना कोतवाली पुलिस को लिखित तहरीर के माध्यम से दी है। इस प्रकरण में पुलिस द्वारा जांच की जा रही है। इधर उपजिलाधिकारी राजेश चौरसिया ने पूछने पर बताया कि नियमानुसार किसान को फसल के मूल्य की तिहाई धनराशि सरकारी खजाने में जमा करने के लिए कहा गया है। यदि वह फसल का मूल्य नहीं जमा करता है तो मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।