मनरेगा का पूर्ण कार्य बन्द करने के लिये 48 घण्टे का दिया गया अल्टीमेटम

जौनपुर। विकास भवन परिसर में ग्राम पंचायत अधिकारी व ग्राम विकास अधिकारी समन्वय समिति की बैठक डॉ. प्रदीप सिंह एवं डॉ. फूलचन्द कनौजिया संयोजक की संयुक्त अध्यक्षता में मनरेगा की विसंगतियों के सन्दर्भ में हुई। बैठक में जनपद के समस्त विकास खण्डों से आए ग्राम पंचायत व विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी (आईएसबी) एवं सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) उपस्थित रहे।

इस मौके पर विभिन्न विकास खण्डों से आये हुये सचिवों ने मनरेगा योजना में हो रहे शोषण एवं उत्पीड़न पर विस्तार से चर्चा करते हुये सचिवों ने सर्वसम्मति से निम्नवत प्रस्ताव पारित किया। धर्मापुर के मनरेगा लेखा सहायक आकाश मौर्य की संविदा समाप्त करने व प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाय, खंड विकास अधिकारी धर्मापुर जो मनरेगा प्रकरण में स्वयं विधिवत संलिप्त है तथा जनप्रतिनिधियों के दबाव में रहते हैं, को जिला मुख्यालय से सम्बद्ध किया जाय। वर्तमान खण्ड विकास अधिकारी सिरकोनी द्वारा उनके कार्यकाल में सिरकोनी एवं सुजानगंज विकास खंड की सभी भुगतानित परियोजनाओं की सामग्री एवं श्रमांश के अनुपात तथा मानक के अनुरूप गुणवत्ता की उच्च स्तरीय जांच करायी जाय तथा जो भी दोषी हो, उसके विरुद्ध प्राथमिकी एवं प्रभावी प्रशासनिक कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाय। सुजानगंज में विनोद सरोज के मनरेगा घोटाला प्रकरण में भुगतान का आईपी एड्रेस ट्रेंस कराकर असली दोषियों के विरुद्ध विधिक एवं प्रशासनिक कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाय। जनपद सहित समस्त विकास खण्डो में लंबे समय से तैनात मनरेगा पैरा स्टाफ एपीओ, तकनीकी सहायक, सहायक लेखाकार, कम्प्यूटर ऑपरेटर का स्थानांतरण अन्यत्र विकास खण्डों में शासन के दिशा निर्देशों एवं स्थानांतरण नीति के अनुरूप तत्काल किया जाय। शासनादेश के अनुरूप ग्राम पंचायतों से मस्टर रोल निर्गत करने तथा मस्टर रोल फीडिंग करने की व्यवस्था लॉगिन/पासवर्ड देकर तत्काल शुरू करायी जाय। मनरेगा में गाइडलाइन के विपरीत हो रहे सामग्री/श्रमांश के मनमानी ढंग से भुगतान पर तत्काल रोक लगायी जाय। जनपद में शिलाफलकम एवं झंडे के भुगतान हेतु शासनादेश के अनुरूप स्पष्ट लिखित आदेश प्रेषित किया जाय तथा किसी भी प्रकरण में ग्राम सचिव का पक्ष सुने बगैर उसके विरुद्ध प्राथमिकी, निलंबन या वेतन रोकने की कार्यवाही सुनिश्चित न की जाय, अन्यथा सचिव प्रत्येक मामले में नैसर्गिक न्याय हेतु उच्च न्यायालय की शरण लेने हेतु मजबूर होंगे जिसकी जिम्मेदारी पूर्ण रूपेण जिला प्रशासन की होगी।
समन्वय समिति के सह संयोजक रामकृष्ण पाल एवं विजय भान यादव ने सदन की सहमति पर उपर्युक्त 10 मांगों पर सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि अगर 48 घंटे के भीतर मनरेगा प्रकरणों पर जिला प्रशासन द्वारा समन्वय समिति से वार्ता करके कार्यवाही सुनिश्चित नहीं कराई जाती है तो बाध्य होकर जनपद के समस्त ग्राम विकास एवं पंचायत अधिकारी (सचिव) अपने अन्य विभागीय शासकीय उत्तरदायित्वों/योजनाओं को पूर्सरूप से क्रियान्वित करते हुए 8 नवम्बर से मनरेगा के समस्त कार्य जनपद के समस्त विकास खंडों में बंद कर देंगे। इसके लिए पृथक से जिला प्रशासन को कोई नोटिस नहीं दिया जाएगा। यदि नियत समय सीमा के बाद मनरेगा में कार्य बंद करने की स्थिति उत्पन्न होती है तो इसके लिए जिला प्रशासन स्वयं जिम्मेदार होगा।
बैठक में आनन्द प्रकाश त्रिपाठी, कृष्ण कुमार मिश्र, नन्द किशोर, डॉ. रामकृष्ण यादव, रजनीश पाण्डेय, विपिन राय, प्रवीण सिंह, माता प्रसाद यादव, उमेश सोनकर, विनोद सरोज, राधेश्याम यादव, राजेश यादव, विवेकानन्द, सीमा यादव, ममता प्रजापति, नागेन्द्र यादव, मटरूराम, मो0 शाहिद, साजिद अंसारी, रत्नेश सोनकर, विनय यादव, विश्राम बिन्द, सुशान्त शुक्ला, अश्वनी सिंह, लक्ष्मीचन्द्र, राना सिंह, सजीव गुप्ता, शैलेन्द्र सिंह, सौरभ दूबे, पुरूषार्थ यादव, राजकुमार पाण्डेय, सरिता पाल, राजेश चौधरी, प्रदीप शंकर श्रीवास्तव, अमित सिंह, विनय जायसवाल, अजय रजक, सरिता मौर्य, अरविन्द यादव सहित तमाम सम्बन्धित लोग उपस्थित रहे।

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