मोहब्बत और उसकी ख़िदमत करना ही इस्लामी उसूल
मजलिस को सम्बोधित मौलाना सै हसन अब्बास रिज़वी गाज़ीपुरी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि पैगम्बर हज़रत मोहम्मद मुस्तफा साहब ने अल्लाह की तरफ से सारी दुनिया को एक पैदा करने वाली ज़ात पर इमान रखने और उसी के बताये हुए उसूलों पर चलने वाले को मुस्लमान कहाँ है, और वही सच्चा इस्लाम का मानने वाला है। इस्लाम ने सारी दुनिया की हर चीज़ की इज़्ज़त और उसकी अज़मत का ख़याल रखने का हुक्म दिया, और उन चीज़ों में ग़ौरो फिक्र करने की हर इंसान को दावत दी है। इसे हम आज की ज़बान में रिसर्च कहते हैं। कुल मिलाकर हज़रत मोहम्मद साहब के लाये हुए इस्लामी उसूल का सारांश और खुलासा ये है कि अपने पैदा करने वाले मालिक से मोहब्बत और उसकी इबादत की जाय। और उसकी पैदा की हुई सारी इंसानी व ग़ैर इंसानी मख़लूक से मोहब्बत और उसकी ख़िदमत की जाए। आगे मौलाना ने समाज सेवी मरहूम सै अली शब्बर साहब के बेटो की तारीफ करते हुए ये बताया कि जिस तरह इन बच्चों ने अपने पिता की ख़िदमत की है और उनके बाद उनके लिए कारे- ख़ैर करते रहे हैं और समाज सेवा में दिनों रात लगे हैं, इससे लगता है कि मरहूम ने इनकी तरबियत सच्चे इस्लामी उसूल के मुताबिक़ किया है।
आये हुए लोगों के प्रति मरहूम के बड़े पुत्र सैय्यद मोहम्मद मुस्तफा ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर धर्मगुरु मौलाना सैय्यद सफदर हुसैन ज़ैदी, मौलाना हैदर मेहदी, मौलाना सै मोहम्मद शाज़ान ज़ैदी, मौलाना अम्बर अब्बास खान, सै अली मुस्तफा कैफी, हसन मुस्तफा कायम, सै मो अब्बास ऐतेशाम, सभासद तहसीन शाहिद, अकबर अली एडवोकेट, अकबर हुसैन ज़ैदी, इसरार हुसैन एडवोकेट, सै नजमुल हसन नजमी, सै मो हसन नसीम, अली मंजर डेज़ी, आफाक़ हुसैन ज़ैदी, मुफ्ती शारिब, असलम नक़वी, ताबिश काज़मी, मसुदुल हसन, हैदर हुसैन, अनवारुल हसन, ऐमन मिन्टो, नासिर हुसैन, मो. अब्बास, मेहदी ज़ैदी आदि उपस्थित रहे।