सच्ची मित्रता के गुण
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दीपक जब रोशन होता हैतम दूर तभी हो जाता है,
पीतल का हो या सोने का
हर दीपक प्रकाश देता है ।
शुभ ज्योति से क्या रिश्ता है
सोने या पीतल के दीपक का,
जल जलकर जो देते प्रकाश
रिश्ता है चिकनाई बाती का।
क्या गरीब क्या वैभवशाली,
मित्रता होती है अनमोल वही,
वक्त ज़रूरत जो काम आये
होता है मित्र सदा बेमोल वही।
जैसा रिश्ता चिकनाई बाती का
मित्रों का रिश्ता बिलकुल वैसा,
जल जलकर मिल देते प्रकाश,
मित्र को ला दें तारे आकाश।
मित्र मित्र की ख़ातिर तन मन से
हर स्थिति में हर पल तैयार रहे,
आदित्य मित्रता की ख़ातिर जो
अपने प्राणों पन से तैयार रहे।