धर्मापुर ब्लाक के दो कर्मचारियों में मचा घमासान, मामला पहुंचा थाने
धर्मापुर ब्लॉक पर तैनात ग्राम पंचायत कोतवालपुर व सरेमू गांव के ग्राम पंचायत अधिकारी उमेश कुमार सोनकर ने शुक्रवार को गौराबादशाहपुर थाने में पहुचकर ब्लॉक के सहयोगी सचिवों के साथ लेखा सहायक मनरेगा कर्मचारी के विरुद्ध लिखित तहरीर दी है तथा आरोप लगाया है कि ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम पंचायत सरेमू व कोतवालपुर में ग्राम पंचायत अधिकारी उमेश कुमार सोनकर का फर्जी हस्ताक्षर कर के लाखों रुपये के गमन करने के मामले की जांच कराने हेतु जिला स्तरीय उच्च अधिकारियों को पत्र भेजकर जांच करने का आग्रह किया गया था जिससे नाराज मनरेगा लेखा सहायक ने गुरुवार को बीडीओ कार्यालय में पहुचकर उनके साथ गाली गलौज की और मारपीट पर आमादा हो गया। उन्होंने आरोप लगाया है कि ब्लॉक से शाम को घर वापस जाते समय धर्मापुर बाजार में पुनः रास्ते में रोककर गाली गलौज व जान से मारने की धमकी दी तथा शिकायती पत्र वापस लेने हेतु दबाव बनाया। जिससे भयभीत ग्राम पंचायत अधिकारी उमेश कुमार सोनकर ने अपने सहयोगी सचिव स्वतंत्र कुमार, राजेश यादव, अरविंद यादव के साथ शुक्रवार को गौराबादशाहपुर थाने पर पहुचकर लेखा सहायक मनरेगा कर्मचारी के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग करते हुए लिखित तहरीर दिया। पुलिस तहरीर लेकर मामले की जांच में जुट गई है। आरोपी मनरेगा लेखा सहायक अशोक मौर्या ने अपने ऊपर लगे आरोपो से एक सिरे खारिज करते हुए कहा कि गांवो में होने वाले विकास कार्यो से मेरा कोई लेना देना नही है। गांव में विकास कार्य ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत अधिकारी और जेई करवाते है। उसके बाद पैसे का भुगतान करने के लिए बीडीओ कार्यालय मे आता है यहां पर पटल बाबू चेक करता है उसके बाद पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। इसमें मेरी कोई भूमिका नही होती है। बीडीओ साहब के सामने हम दोनो लोग थे एक फाइल बीडीओ ने मुझसे मांगा गया मैने बताया कि यह फाइल मेरे पास नही बल्की उमेश कुमार सोनकर के पास है इसी बात को लेकर थोड़ा कहीसुनी हुई थी उसके बाद मैं अपने घर चला गया था। न तो मैने धमकी दिया है न ही गाली गलौज किया।
इस मामले में पूछे जाने पर प्रभारी निरीक्षक गौराबादशाहपुर विनय कुमार मिश्र ने बताया कि ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा आज तहरीर प्राप्त हुई है। उक्त प्रकरण की गंभीरता से जांच शुरू कर दी गई है। जांच के बाद उचिंत कार्यवाही की जाएगी।