सीएम योगी आदित्यनाथ ने महानवमी पर किया कन्या पूजन
गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कन्याओं के पांव पखारने के बाद उनका पूजन किया. इसके बाद उन्होंने कन्याओं और बटुकों को भोज कराया और उपहार भी दिए. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जगत जननी मां भगवती मां दुर्गा के जिन नौ स्वरूपों के अलग-अलग तिथि पर पूजन और अनुष्ठान का कार्यक्रम सम्पन्न होता है. आज का रूप सिद्धिदात्री का है. इस अवसर पर सनातन धर्म की परम्परा के अनुसार आज सनातन धर्म में सभी मातृशक्ति के सम्मान और सशक्तिकरण पर जोर दिया है. आज इसी उपलक्ष्य में कन्याओं के पूजन का कार्यक्रम आज यहां पर सम्पन्न हुआ है. ये उनका सौभाग्य है कि कुंवारी कन्याओं के पूजन का कार्य सम्पन्न करने का अवसर उन्हें प्राप्त हुआ. ये मातृशक्ति के सम्मान और सशक्तिकरण का एक बहुत अच्छा और पवित्र माध्यम भी है. पूरे प्रदेश में इस अवसर पर जहां नौ दुर्गा पूजन के कार्यक्रम हर्षोल्लास और उमंग के साथ आयोजित हो रहे हैं. वहीं शासन के स्तर पर मिशन शक्ति का कार्यक्रम भी बहुत प्रभावी ढंग से आगे बढ़ रहा है.
प्रभु श्रीराम की दुराचारी रावण पर विजय के महापर्व के रूप में हम लोग विजयादशमी के आयोजन को पूरे भारत और दुनिया में जहां पर सनातन धर्मावलंबी निवास करता है. वहां पर इसके आयोजन हो रहे हैं. रामलीलाओं के आयोजन हो रहे हैं. विजयादशमी का पर्व भी पूरे प्रदेश और देशवासियों के लिए मंगलमय हो. इसकी शुभाकामना देती हूं. उन्हें पूरा विश्वास है कि शारदीय नवरात्रि और विजयादशमी का पर्व हर प्रदेशवासी के जीवन में उत्साह और उमंग का माध्यम बनेगा. आज सभी को मंगलमय शुभकामना देता हूं. उन्हें विश्वास है कि जगतजननी मां भगवती दुर्गा का आशीर्वाद हम सभी को समाज की एकता और सशक्तिकरण मातृशक्ति के सम्मान के लिए प्रेरित करेगा. प्रभु श्रीराम का विराट व्यक्तित्व हर प्रदेश्ावासियों को सत्य, धर्म और न्याय के पथ पर चलने की निरंतर प्रेरणा देता रहेगा. पूरे प्रदेशवासियों के लिए मंगलमय शुभकामनाएं हैं.
केन्द्र और राज्य सरकार की तमाम ऐसी योजनाएं नारी गरिमा के अनुरूप उनकी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन से जुड़ी हुई है. इसके प्रति जनजागरण और इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मिशन शक्ति का चतुर्थ चरण का कार्यक्रम कुशलतापूर्वक आगे बढ़ा रहे हैं. नवरात्रि में नौ तिथियों के अंदर मिशन शक्ति के अनेक कार्यक्रम प्रभावी ढंग से लागू किए गए हैं. आज महानवमी की तिथि जहां आज हर सनातन धर्मावलंबी पूजा-अनुष्ठान के साथ जुड़ा हुआ है. कुंवारी कन्याओं के पूजन से जुड़ा है. तो वहीं कल विजयादशमी का भी पर्व है. विजयादशमी धर्म, सत्य और न्याय के विजय का पर्व है. भारत के सनातन धर्म की पताका के विजय का पर्व है. हर काल और परिस्थिति में दुष्प्रवृतियां प्रभावी होती हुई दिखाई देती हैं, तो सनातन धर्म ने हमेशा उस दुष्प्रवृत्ति को चुनौती के रूप में स्वीकार कर उसका सामना करते हुए लोक कल्याण और राष्ट्र कल्याण के साथ मानवता के कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त किया है. विजयादशमी का पर्व हम सभी को इस बात की प्रेरणा प्रदान कर रहा है.