संयुक्त राष्ट्र संघ इजराइल फिलिस्तीन के मुद्दे पर कोई ठोस निर्णय ले
नागरिक समाज जौनपुर ने आतंकी संगठन हमास द्वारा इसराइली नागरिकों की हत्या की कड़ी आलोचना की , लेकिन इजरायल के प्रधानमंत्री नेतान्याहु के द्वारा अपनी कुर्सी बचाए रखने के लिए फिलिस्तीन में की जा रही फिलिस्तीनी नागरिकों के नरसंहार की भी कड़ी आलोचना की । कहने को हम आज 21वीं शताब्दी में जी रहे हैं ,लेकिन धार्मिक और वैचारिक मुद्दे पर आज भी हमारी सोच 12वीं शताब्दी वाली है । इस मंच के माध्यम से हमने कहा कि हिटलर द्वारा यहूदियों की हत्या जिस प्रकार नरसंहार की स्रेणी में आती है, उसी प्रकार नेतान्याहूँ की भी फिलिस्तीनी नागरिकों की हत्या भी नरसंहार की श्रेणी में आती है ।
इस पर विश्व समुदाय भी कुछ खास नहीं कर पा रहा है ।दुनिया का दरोगा अमेरिका जहां एक तरफ इसराइल को युद्ध सामग्री दे रहा है तो वहीं दूसरी तरफ शांति की बात कर रहा है, यह कितना हास्यास्पद है । ईरान भी दूर से बैठकर हिजबुल्लाह के माध्यम से केवल आतंक को ही बढ़ावा दे रहा है । रूस स्वयं यूक्रेनी नागरिकों के मानवाधिकारों की निर्मम हत्या कर रहा है, तो वहीं चीन भी दक्षिण चीन सागर में स्थित देशों को परेशान किए हुए हैं और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के भूभाग पर कब्जा करता चला जा रहा है । तो ऐसे में सवाल उठता है कि फिलिस्तीन में नरसंहार जैसी घटना पर कौन बोलेगा और नरसंहार को रुकवायेगा । संयुक्त राष्ट्र संघ भी अपनी प्रासंगिकता खो रहा है , क्योंकि वह फिलिस्तीन की नागरिकों की मूलभूत सुविधाएं खाना-पानी , दवाई और बिजली जैसी मूलभूत सुविधा देने में अक्षम साबित हो रहा है।
इस अवसर पर भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश सचिव राजनाथ यादव ,जय किसान आंदोलन की तरफ से अश्वनी कुमार यादव ,अमन कश्यप ,संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से राकेश मौर्य ,सुनील विश्वकर्मा , बाबूराम पटेल , राजू यादव तथा महिला संगठनों की तरफ से संगीता सरोज , अनीता , रीना राय , संजू और समला देवी उपस्थिति रही । सभी ने एक स्वर में मांग की कि, फिलिस्तीन के नागरिकों के खिलाफ इजरायल द्वारा हो रही एक तरफा कार्रवाई को रोका जाए तथा विश्व शांति के माध्यम से मानवता का उद्धार किया जाए।