साहब ! सांढ़ के हमले दो मौत, फिर भी जिम्मेदार उदासीन ?
https://www.shirazehind.com/2023/10/blog-post_405.html
सोंधी के बीडीओ छुट्टा पशुओं को शेल्टर होम भेजने से खड़े किए हाथ
यूसुफ खान
खेतासराय(जौनपुर)। विकास खण्ड शाहगंज सोंधी के दो गांवों में तीन दिन के अंतराल में दो लोगों की मौत से इलाके में भय का माहौल हो गया है । जमदहा, अब्बोपुर और पोरईखुर्द में आवरा पशुओं की जमात सड़क और घर के दरवाज़े तक कब्ज़ा रहता है । स्थानीय प्रशासन पशुओं को आश्रय स्थल तक भेजने में नाकाम साबित हो रहा है । छुट्टा पशु पर कार्यवाही के लिए सम्बंधित जिम्मेदारों को अब कितनी मौत का इंतजार है ।
आवारा पशु अब जानलेवा साबित हो रहे है । गुरुवार की अपराह्न तीन बजे पोरईखुर्द गांव के छट्ठू राजभर 75 वर्ष पुत्र नीन्हक अपने घर से बाहर शौच के लिए निकला । तभी बांस की खूंटी के पास खड़े छुट्टा पशु ने अचानक हमला बोल दिया । उसकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई । स्वजनों की शिकायत पर पुलिस ने शुक्रवार को शव को पीएम के लिए भेज दिया । जौनपुर के रामघाट पर मृतक का अंतिम संस्कार किया गया । छुट्टा पशुओं को आश्रय स्थल भेजने को लेकर बीडीओ जितेंद सिंह ने पहले ही हाथ खड़े कर लिए है उनका तर्क है कि विकास खण्ड के चारों शेल्टर होम में क्षमता से अधिक जानवर रखे गए है, अब जगह शेष नही है । अब सवाल उठता है कि प्रशासन अब कितनी मौत का इंतजार कर रहा है ?
इस से पूर्व अब्बोपुर निवासी राजवंती 80 वर्ष की सांड़ के हमले से डेढ़ सप्ताह बाद उपचार के दौरान मौत हो गई थी ।
इस बाबत मीडिया ने उपजिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार से क़ई बार सम्पर्क करने की कोशिश की लेकिन उनका फ़ोन नही उठा ।
सीएम के आदेश का अधिकारियों पर नहीं दिख रहा है असर
खेतासराय। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ प्रदेश की जनता को आवारा पशुओं से मुक्ति दिलाने के लिए लगातार ऑपरेशन चला रहे हैं और हर जिले के आंकड़ों की सप्ताहित समीक्षा खुद कर रहे है. कमी मिलने पर अधिकारियो की जमकर क्लास भी ले रहे हैं. बावजूद इसके जिम्मेदारों के ऊपर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है और न ही आम जनता को आवारा पशुओं से निजाद मिल सका है. जिसके कारण आए दिन आवारा पशुओं के हमले से किसानों और राहगीरों की मौत भी हो रही है।