नशे को शरीर से नहीं, बल्कि मन से निकालने की जरूरत: सच्चिदानन्द
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जौनपुर। मिशन ड्रग फ्री कैंपस एंड सोसाइटी अभियान के तहत वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के नशा मुक्ति व पुनर्वास केंद्र और व्यावहारिक मनोविज्ञान, छात्र अधिष्ठाता एवं उमानाथ सिंह स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय जौनपुर के संयुक्त तत्वाधान में सोमवार को जनजागरूकता सप्ताह का समापन समारोह हुआ।इस मौके पर मुख्य अतिथि एहसास नशा मुक्ति केंद्र गोरखपुर के निदेशक सच्चिदानन्द यादव ने कहा कि नशा मुक्ति के लिए विद्यालयों में पाठ्यक्रम बनाना चाहिए। नशे को शरीर से नहीं मन से निकालने का प्रयास होना चाहिए। बतौर अध्यक्ष विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि बचपन से ही बच्चों के संस्कार को नशा विहीन बनाने की कोशिश करनी चाहिए। मां यह जिम्मेदारी आसानी से निभा सकती है। हमारे देश में युवाओं की संख्या अधिक है, ऐसे में युवाओं को नशे की लत से रोकना जरूरी है।
विशिष्ट अतिथि क्षेत्राधिकारी एसपी उपाध्याय ने कहा कि नशा पर रोक मुहिम चलाकर ही खत्म करना होगा। लोग पुलिस से अपेक्षाएं तो बहुत करते हैं लेकिन सहयोग नहीं करते। बिना सहयोग के हम नशे जैसी महामारी को नहीं रोक सकते। छात्र अधिष्ठाता प्रो. अजय द्विवेदी ने अतिथियों को स्वागत किया। कार्यक्रम के ऩोडल अधिकारी डॉ. मनोज पांडेय ने पूरे सप्ताह के कार्यक्रम की रूप—रेखा प्रस्तुत किया। संचालन छात्र उद्देश्य सिंह ने किया।
इस दौरान पूरे सप्ताह हुए वाद-विवाद, रंगोली, कोलाज, नुक्कड़ नाटक, निबंध, पोस्टर प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले विद्यार्थियों को कुलपति ने पुरस्कृत किया। साथ ही प्रबंध संकाय के अध्यक्ष प्रो. बीडी शर्मा को नशा मुक्ति के क्षेत्र में सराहनीय कार्य के लिए सम्मानित किया गया। इसके पूर्व एक युद्ध नशे के विरूद्ध पोस्टर का विमोचन हुआ। वहीं छात्र सत्य प्रकाश सिंह ने नशामुक्ति पर स्वरचित काव्य पाठ किया।
इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, डॉ. ए.ए. जाफरी, प्रो. राम नारायण, प्रो. मिथिलेश सिंह, डॉ. प्रमोद यादव, डॉ. गिरधर मिश्र, डॉ. सुनील कुमार, डॉ पुनीत धवन, डॉ. लक्ष्मी मौर्य, राजेंद्र सिंह, सुशील प्रजापति सहित प्रशासनिक अधिकारी, विद्यार्थी आदि उपस्थित रहे।