मानसिक रोगी तांत्रिकों के चंगुल में न फंसेः डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव
इसके अंतर्गत पूर्वांचल विश्वविद्यालय के व्यावहारिक मनोविज्ञान के छात्र एवं छात्राओं द्वारा सुव्यवस्थित नुक्कड़ नाटक के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा कर वहां के जनमानस को जागरूक किया गया। इसी क्रम में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर असिस्टेंट प्रोफेसर डा. जान्हवी श्रीवास्तव ने बताया कि जिस प्रकार शारीरिक बीमारी होती है ठीक उसी प्रकार मानसिक बीमारी भी होती है, परन्तु मानसिक बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को लोग पागल या भूत– प्रेत का प्रकोप मानते हैं और उपचार हेतु किसी बाबा (तांत्रिक) के चंगुल में बुरी तरह फंस जाते हैं । इससे आर्थिक और समय की हानि तो होती ही है साथ ही साथ मानसिक बीमारी और गंभीर रूप ले लेती है।
फलतः पीड़ित व्यक्तियों को किसी तांत्रिक के पास न जाकर मनोचिकित्सक से परामर्शानुसार उचित इलाज करनी चाहिए। असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अन्नू त्यागी ने कहा कि मानसिक बीमारी को छुपाए नहीं बल्कि खुलकर उस पर विचार करें । उन्होंने बताया कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय में व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग में परामर्श की सेवा उपलब्ध है पीड़ित व्यक्ति इसका लाभ उठा सकते हैं।
नुक्कड़ नाटक से प्रभावित होकर कन्हाईपुर के सभासद निशि सोनकर और जयविजय सोनकर एवं वहां उपस्थित जनमानस ने छात्र-छात्राओं को अत्यधिक सराहा एवं गर्वान्वित किया। इसके पश्चात नुक्कड़ नाटक में शामिल कृति, भूमिका, प्रतिभा, पुष्पा, शिवांगी, शिवांश, संजीव, अविनाश, प्रभाकर, विकास, अनिकेत, सत्यप्रकाश, अभीष्ट प्रकाश, रेशमी, अकीदा, पूजा, कृष्णा, अंजू, दिव्या, सोनाली, प्रिया, सृष्टि ने सहृदय लोगों को धन्यवाद किया।