रन्नो गांव में जुलूस-ए-अमारी में अंजुमनों ने किया नौहा मातम
बक्शा। स्थानीय विकास खण्ड के रन्नो गांव में सोमवार को अहले हरम की मदीने वतन वापसी की याद में जुलूस-ए-अमारी में दूरदराज से आयी अंजुमनों ने शिरकत कर कर्बला के शहीदों को मजलिस मातम व नौहाखानी कर नजरानए अकीदत पेश किया।
सोमवार की सुबह मजलिस का आगाज हुआ जिसके बाद उलेमाओं ने इमाम हुसैन एवं 72 साथियों की शहादत एवं 4 वर्षीय सकीना पर ढहाए गये जुल्म की दास्तान सुनाए तो मौजूद सैकड़ो लोगो की आंखे नम हो गयी। मजलिस को खेताब करने वालों में मौलाना कल्बे रूशैद दिल्ली, मौलाना कमर सुलतान दिल्ली, मौलाना सैयद जाफर हुसैन छोलस, मौलाना मोहम्मद जैनबी सहित अन्य मौलानाओं ने तकरीर किया। देर शाम जुलूस अपने कदीम रास्तो से होता हुआ रौजए रसूल पहुंचा जहां अलविदाई मजलिस को मौलाना वसी हसन खां फैजाबाद ने खेताब करते हुए कहा कि दस मोहर्रम सन 61 हिजरी को इमाम हुसैन ने अपने 72 साथियों के साथ शहादत के बाद उनके परिवार के सदस्यों को यजीद द्वारा शाम को कैदखाने में कैद कर दिया गया था। जब कैद से रिहाई मिली तो परिवार के लोगो ने कर्बला जाकर शहीदों के लाशों को दफन किया और अपने वत मदीना लौटे। उसी याद में अहले हरम की मदीने वापसी की याद में जुलूस-ए-अमारी का आयोजन होता चला आ रहा है। मजलिस के बाद अलम को सकीना के ताबूत से मिलाया गया। अंजुमन इमामिया रन्नो ने नौहा पढ़कर अमारियों को ठंढा किया। मौलाना हसन अकबर व मौलाना रईस अकबर ने आये हुए लोगों के प्रति आभार प्रकट किया। इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि से सीओ सदर एसपी उपाध्याय, एसओ विवेक तिवारी सहित बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद रहे।