श्रुतिलेख से बच्चों में भाषाई कौशल का विकास होता है
इस संबंध में डायट प्राचार्य द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक डॉक्टर संतोष तिवारी पर ने प्रतियोगिता को सुचित पूर्ण ढंग से संपन्न कराया। उन्होंने बताया कि प्रत्येक कक्षा से दो दो प्रतिभागी की सूची जनपद मुख्यालय पर देना है। इस विद्यालय स्तर पर प्रतियोगिता के बाद विकास खंड स्तर पर हुई। कक्षा 3, 5,और 8 के बच्चे से विकासखंड से चयनित 6 विद्यार्थियों को जनपद स्तर पर परीक्षा के लिए चयनित किया गया। परीक्षा में विकासखंड के विद्यालयों के बच्चों ने प्रतिभाग किया। इस दौरान एआरपी शिवाकांत तिवारी, डॉक्टर राजेश यादव, अमला प्रसाद यादव, अरविंद मिश्र, प्रताप यादव, बृजलाल, आनंद प्रकाश, माहेश्वरी मिश्र,नित्यानंद तिवारी, लक्ष्मी शंकर, लाला मोहम्मद सहित अन्य संकुल एवम शिक्षक प्रतिभाग किए।
प्रतियोगिता मूल्यांकन का आधार
जनपद के पर्यवेक्षक डॉक्टर संतोष तिवारी ने बताया कि विद्यार्थियों को उनके कक्षा के न्यून कक्षा की हिंदी की पुस्तक की विभिन्न पाठो के 10 शब्द से अधिकतम 20 शब्द का चयन कर प्रतियोगिता हुई। शब्दों की कठिनाई का स्तर औसत,सामान्य और कठिन रहा। जो क्रमशः 50 20 और 30 फीसदी रहा। परिणाम को सूचना पट्ट पर चस्पा कर दिया गया।