ऐतिहासिक भादो छठ मेले की सजीं दुकानें
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सरायख्वाजा, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र का ऐतिहासिक भादो छठ मुख्य मेला 24 सितम्बर दिन रविवार को लगेगा जबकि मेला शुरू हो गया है। इसकी तैयारी पूरी होने का जिम्मेदारों ने दावा किया है। सुबह 4 बजे से ही लोग सूरज कुंड में स्नान करेंगे और भीड़ बढ़ने पर सिद्धिकपुर से रूट डायवर्जन किया जाएगा। मुख्य मेला 24 सितंबर दिन रविवार को होगा जिसके लिए सूरजकुंड तालाब की साफ-सफाई प्रधान रैना सिंह के प्रतिनिधि सन्तोष सिंह ने कराया है। सड़क के दोनों पटरी को जेसीबी मशीन से 3 किलोमीटर तक साफ सफाई कराया गया है। सूरज कुंड तालाब में नहाने के लिए बैरीकेटिंग की गई है। आस्था का प्रतीक सूरज कुंड तालाब में मान्यता है कि नहाने से चर्म रोग दूर होते हैं जिसमें नहाने के लिए दूसरे जनपदों व प्रदेशों से लोग आते हैं और सूरज कुंड में आस्था की डुबकी लगाते हैं।बता दें कि भादो छठ के ऐतिहासिक मेला कृषि यंत्रों के लिए भी जाना जाता है जो किसान मेला भी कहा जाता है। हालांकि पहले यह मेला सप्ताह भर पूर्व से शुरू हो जाता था लेकिन सड़क पर अतिक्रमण आबादी बढ़ने के चलते मेला अब रविवार को सिमटकर रह गया है जबकि कृषि यंत्रों का आगे तीन दिन तक मेला चलता रहता है। इस बाबत पूछे जाने पर थानाध्यक्ष सतीश सिंह का कहना है कि मेले के लिए अतिरिक्त पुलिस व्यवस्था की गई है जो मेले में व्यवस्थाओं की निगरानी रखेगी। अगर भीड़ बढ़ी तो सिद्ददीकपुर से करंजाकला मल्हनी मार्ग होते ही कोइरीडीहा के लिए डायवर्जन कर दिया जाएगा। इसकी भी तैयारी की गई है। बैरियर लगाया जा रहा है।
क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि मेले का अस्तित्व खत्म न हो, इसके लिए तमाम तरह की व्यवस्था की जा रही है और मेले में दुकानदारों से किसी प्रकार की वसूली करने पर रोक लगा दी गई है। 3 किलोमीटर सड़क की साफ-सफाई ग्राम प्रधान द्वारा कराई गई है जिससे दुकान लगाने में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े। मेला जासोपुर, पूर्वांचल विश्वविद्यालय, भकुरा मोड़, सरायख्वाजा, कोइरीडीहा, मल्हनी, लपरी, इटौरी सहित कुल 7 किलोमीटर दूरी में लगेगा। बाहर से सैकड़ों दुकानदार मेले में पहुंचकर स्थाई दुकान लगाने के लिए जगह का चुनाव कर लिये हैं।